FARRUKHABAD : बीते शनिवार की रात प्राचीन बड़े बूढ़े हनुमान मंदिर की प्रतिमा अचानक खण्डित हो गयी थी। जिसके पीछे मुख्य बजह वर्षों से मूर्ति पर चढ़ाये जा रहे चोले को माना जा रहा है। फिलहाल मंदिर से जुड़े लोग नई मूर्ति स्थापित करने को लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं।
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शहर के मोहल्ला अढ़तियान स्थित बड़े बूढ़े हनुमान मंदिर में शनिवार को सुन्दरकाण्ड पाठ के समय अचानक पूरी मूर्ति खण्डित हो गयी। कई टुकड़ों में विभक्त हुई मूर्ति को देखकर भक्त आश्चर्यचकित रह गये। देर रात ही नगर मजिस्ट्रेट प्रभुनाथ, तहसीलदार सदर राजेन्द्र चैधरी, क्षेत्राधिकारी नगर योगेन्द्र कुमार सिंह, शहर कोतवाल रूम सिंह यादव, फतेहगढ़ कोतवाल जितेन्द्र सिंह परिहार फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गये थे और आरती के बाद मंदिर को पुनः बंद कर दिया गया था।
रविवार प्रातः मंदिर पहुंचे मंदिर के पुस्तैनी पुजारी चन्द्रप्रकाश औदीच्य निवासी रेलवे रोड ने बताया कि बीते 400 सालों से उनके ही परिवार के लोग मंदिर की सेवा करते चले आ रहे हैं। मंदिर खण्डित होने के पीछे पुजारी ने सिर्फ चोले की मोटी पर्त ही मुख्य बजह बतायी। मंदिर खुलते ही कुछ मुख्य श्रद्धालुओं के साथ बैठकर पुजारी ने मंत्रणा की। पुजारी चन्द्रप्रकाश ने बताया कि बड़े बूढ़े हनुमान की खण्डित मूर्ति की जगह वैसी ही मिट्टी और गोबर से बनायी गयी नई प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। शीघ्र मूर्ति स्थापित की जायेगी। वहीं बैठक में पत्थर और अन्य धातुओं की मूर्तियों पर भी चर्चा की गयी।
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इस दौरान पुजारी के छोटे भाई शैलेन्द्र के अलावा शांति स्वरूप, निर्मल दीक्षित, रामसनेही, चन्दर मिठाई वाले, परमानंद शुक्ला आदि मौजूद रहे।