सरहद पर तनी बंदूकों को धता बताकर बहन ले आयी राखी

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दिल्ली: भारत-पाक के बीच सीमा पर भले ही बंदूकें तनीं हैं, लेकिन भाई के प्यार के लिए एक मुस्लिम बहन ने सीमा व मजहब की दीवारें लांघ दी और यहां पहुंच ही गई। यह बहन अपने हिंदू भाई को राखी बांधने पाकिस्तान से हरदा आई हैं। पाकिस्तान से 15 दिन के वीजा पर आईं शाहिदा खलील ने अपने भाई पंकज बाफना को बुधवार को रक्षाबंधन के दिन राखी बांधी।
Rakhiपाकिस्तान के कराची में रहने वालीं शाहिदा खलील ने बताया कि उनका परिवार मूल रूप से हरदा का रहने वाला है, लेकिन बाद में वे पाकिस्तान चले गए थे। उनके परिवार के कई लोग आज भी हरदा में रहते है। शाहिदा बचपन से ही पंकज बाफना को राखी बांधती थीं। उसके बाद उनका हिंदुस्तान आना नहीं हुआ। शाहिदा ने बताया कि उन्हें यहां आने के लिए वीजा नहीं मिला रहा था। 5 साल की कोशिश के बाद आखिरकार उनकी कोशिशें रंग लाईं और उन्हें वीजा मिला गया। वह 3 दिन पहले हरदा आईं। उन्होंने कहा, ‘मेरी तमन्ना थी कि राखी पर मेरा हिंदुस्तान जाना हो और मेरी तमन्ना पूरी हुई।’