धर्म के नाम यूपी को बांटने में जुटी SP-BJP!

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akhileshनई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की आमद के साथ ही धर्म की सियासत फिर गर्माने लगी है। बीजेपी और वीएचपी अयोध्या तक जाने वाली चौरासी कोसी परिक्रमा के जरिए हिंदू वोटों की फसल बोने में जुट गई है। तो वहीं अखिलेश सरकार परिक्रमा पर रोक लगाकर और सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों को आरक्षण देकर मुसलमान वोटों को बटोरने की जुगत में जुट गई है।
चुनाव करीब आते ही यूपी में एक बार फिर धर्म की राजनीति शुरू हो गई है। धर्म की आड़ में भावनाओं को भड़का कर वोट बटोरने का खेल शुरू हो गया है। इस बार मुद्दा मंदिर-मस्जिद नहीं है, बल्कि मुद्दा चौरासी कोसी परिक्रमा है। बीजेपी और उसके सहयोगी संगठन इसी चौरासी बीघे में हिंदू वोटों की फसल बोने में जुट गए हैं। विश्व हिंदू परिषद ने ऐलान किया है कि वह 25 अगस्त से अयोध्या और आसपास के एक दर्जन जिलों से चौरासी कोसी परिक्रमा निकालेगी। इस दौरान पचास जगहों पर सभाएं की जाएंगी। यात्रा अयोध्या परिक्रमा के साथ खत्म होगी।
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आपको बता दें कि चौरासी कोसी परिक्रमा कई दशकों से निकलती रही है। इस साल भी ये अप्रैल में ही निकल कर खत्म हो चुकी है। वहीं अखिलेश सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए यात्रा पर रोक लगा दी है। वीएचपी के अड़ियल रवैये को देखते हुए राज्य सरकार ने दर्जन भर जिलों में धारा 144 लगा दी है। प्रमुख सचिव गृह आर. एम. श्रीवास्तव के मुताबिक ये यात्रा 25 अप्रैल से 20 मई के भीतर संपन्न हो गई। इसलिए इस स्थिति को देखते हुए इस प्रस्तावित यात्रा की अनुमति शासन द्वारा नहीं देने का निर्णय लिया गया है। बीजेपी ने परिक्रमा को हिंदू अस्मिता से जोड़ दिया है। तो वहीं समाजवादी पार्टी ने परिक्रमा पर रोक लगाकर मुस्लिम वोटों पर निशाना साधा है।
समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव के मुताबिक कोई नई परंपरा नहीं लागू होगी। साम्प्रदायिकता को समाजवादी पार्टी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। यही नहीं मुसलमान वोटों को एकजुट करने के लिए अखिलेश सरकरार ने फिर आरक्षण का पासा फेंका है। अल्पसंख्यकों के लिए 20 फीसदी के आरक्षण का ऐलान किया गया है। ये 30 सरकारी विभागों में चल रही 85 योजनाओं के लिए है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मुताबिक यूपी में जितनी भी लाभदायी योजनाएं चल रही हैं उसमें 20 फीसदी मुस्लिमों को फायदा मिलेगा। ये आज हमने कैबिनेट में फैसला लिया है।
उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन तलाश रही बीजेपी अचानक आक्रामक तेवर में नजर आ रही है। वहीं यूपी की समाजवादी सरकार ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती जिसकी बदौलत वो मुसलमानों को खुश कर सके।