लखनऊ। हाईकोर्ट द्वारा जातीय रैलियों व सम्मेलनों पर रोक लगाए जाने के बाद बहुजन समाज पार्टी में अब भाईचारा कमेटियों का वजूद खत्म हो गया। पार्टी ने भाईचारा कमेटियों की व्यवस्था को समाप्त कर उसके पदाधिकारियों को पार्टी संगठन की जिला व विधानसभा स्तर की इकाई में उपाध्यक्ष बनाने का फैसला किया है।
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प्रदेश मुख्यालय में रविवार को पार्टी पदाधिकारियों व जोनल कोआर्डिनेटरों की बैठक के सूत्रों के मुताबिक बैठक में हाईकोर्ट द्वारा जातीय रैलियों व सम्मेलनों पर रोक लगाए जाने के आदेश पर बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा लिए निर्णय के बारे में सभी को बताया गया। कहा गया कि अब पार्टी में भाईचारा कमेटियों की व्यवस्था नहीं रहेगी। बसपा प्रमुख ने उस व्यवस्था को खत्म कर दिया है। ऐसे में कमेटियों के पदाधिकारियों को पार्टी संगठन में समायोजित कर उन्हें जिला व विधानसभा इकाई का उपाध्यक्ष बनाया गया है। विदित हो कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद पिछले माह बसपा प्रमुख मायावती ने कहा था कि जातीय आधार वाली गैर बराबरी व्यवस्था बदलकर समतामूलक समाज बनाने के लिए ही बसपा इस तरह की रैलियां व सम्मलेन करती रही है और आगे भी करती रहेगी। यद्यपि कोर्ट के नजरिए को देखते हुए उन्होंने कहा था कि पार्टी अब सर्वसमाज भाईचारे के नाम पर रैलियां व सम्मेलन करेगी।
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निकट भविष्य में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की तैयारियों की समीक्षा भी बैठक में की गई। सभी जोन की रिपोर्ट के आधार पर सेक्टर-बूथ स्तर तक कैडर कैंप की प्रगति की समीक्षा करते हुए ज्यादा से ज्यादा कैडर कैंप सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। कोआर्डिनेटरों से पार्टी के लोकसभा उम्मीद्वारों की क्षेत्र में स्थिति की भी जानकारी ली गई। उम्मीद्वारों की सक्रियता के बारे में पूछने के साथ ही उनके सर्वसमाज के बीच में जाने की जानकारी भी जुटाई गई।