FARRUKHABAD : गंगा व रामगंगा में विभिन्न बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। लगातार जल स्तर बढ़ने से अब निचले क्षेत्र के अधिकांश गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं। जिससे आने वाले दिनों में अब जनपद के लगभग 200 गांवों में स्थिति विकराल होने वाली है। प्रशासन की तरफ से लगातार लोगों को घर छोड़ने व सुरक्षित स्थानों पर पहुचने के लिए चेताया जा रहा है लेकिन ग्रामीण अपने घरों को अभी भी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
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रविवार को गंगा का जल स्तर 10 सेन्टीमीटर बढ़कर 136.85 मीटर पर पहुंच गया है। जिससे अब गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से मात्र 25 सेमी दूर रह गया है। रविवार को नरौरा बांध से गंगा में 186150 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे सोमवार तक जल स्तर और अधिक बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है। वहीं रामगंगा का जल स्तर बीते दिन 135.65 मीटर पर था जो 20 सेमी बढ़कर 135.85 मीटर पर पहुंच गया है। दोनो नदियों के उफान से इनकी तलहटी में बसे सैकड़ों गावों में पानी भर चुका है। जिससे ग्रामीण अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।
लगभग डेढ़ माह से मकानों के चारो तरफ पानी भरे होने से अब ग्रामीणों कमजोर निहास वाले मकानों के गिरने का भी भय सताने लगा है। जिससे अब ग्रामीण छप्पर व झोपड़ी इत्यादि में रहना ज्यादा मुहाल समझ रहे हैं। शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम वाजिदपुर, अकाखेड़ा, गंडुआ, भकुसा, कटरी तौफीक आदि का बुरा हाल है। ग्रामीणों को अब जान बचाने के लाले पड़े हैं। मुख्य मार्ग से तो गंगा के किनारे के अधिकांश ग्रामों का सम्पर्क टूट चुका है। जिससे ग्रामीण ट्रैक्टर इत्यादि से मुख्यालय व बाजार इत्यादि से जरूरत की चीजें पहुंचा रहे हैं। गंगा में रविवार को छोड़े गये पानी से सोमवार तक जल स्तर और अधिक बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है। जिससे विनाशकारी बाढ़ का रूप और भी विकराल हो सकता है।
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