फर्रुखाबाद: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की मिनी संसद यानि ग्राम पंचायत का मुखिया बनने के लिए कितना कितना खर्च होना चाहिए? बीस तीस हजार या बीस तीस लाख? सवाल सरल और आसान है तो जाहिर है उत्तर भी सरल होगा, मगर जो जबाब है वो बेहद चौकाने वाला है| यहाँ ग्राम पंचायत का प्रधान बनने के लिए लोग ३० लाख तक खर्च करते है|
भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश, जहाँ गरीबी और निर्रक्षरता का पैमाना छलकता हो, जहाँ आम आदमी को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं पर जनता के सवाल पर कार्यपालिका के नुमयांदो को अपना मुह छुपाना पड़ता हो उस प्रदेश में ग्राम पंचायत की प्रधानी पाने के लिए लोग ३० लाख की रकम फूक देते है|
जागरूकता का पैमाना मिनी बिकनी जैसे साइज पर
जिस प्रदेश में भ्रष्टाचार द्रोपदी की साडी की तरह बढ़ रहा हो और जागरूकता का पैमाना मिनी बिकनी जैसे साइज पर अटका हो उसी प्रदेश में राजनीति के प्रति प्रगाढ़ होती इतनी और इस प्रकार की जागरूकता विश्मयकारी है| प्रदेश में पंचायत चुनावो का दौर चल रहा है, ऐसे में प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्य के लिए प्रत्याशियो ने कुर्सी हथियाने के तमाम हथकंडे अपनाएं है| एक प्रधान पद पर किस्मत अजमा रहे मैनपुरी जनपद के ………. (ठाकुर साहव) से मुलाकात हुई|
वोटर को तो लालपरी से नहला रहे है
जनाब के कई रिश्तेदार फौजी है सो सबसे पहले आर्मी की रम का जुगाड़ किया और चार पेटी रम एक साथ लेकर मैनपुरी जा रहे थे, बात चली भाई- इतनी शराब? ठाकुर साहब बोले साहब इतने से क्या होगा ये तो ख़ास लोगो के लिए है आम वोटर को तो लालपरी (उत्तर प्रदेश में देशी दारू का ब्रांड) से नहला रहे है|
ठाकुर साहब से पूछ बैठा कितना खर्च करोगे चुनाव प्रचार पर| फिर क्या था ठाकुर साहब ने खुल कर दस्त किये- अजी भाई साहब मैं तो डेढ़ लाख खर्च करूंगा और हाँ मैंने तो अन्य प्रत्याशियो और गाँव वालों को आफर किया था पांच लाख रखवा लो मुझसे और निर्दलीय प्रधान बन जाने दो| मैं चौका? क्या कह रहे हो आप- पांच लाख खर्च कर वापिस कैसे पाओगे? टपक से बोले- अरे मैं तो कुछ भी नहीं खर्च करूंगा, पिछली बार एक गाँव …पुरवा……. की प्रधानी तीस लाख में बिकी थी|
अब बिना पहचान बताये प्रधान प्रत्याशी का साक्षातकार करने में रूचि और बढ़ने लगी| ठाकुर साहब ने चुनाव पर बेहिसाब खर्च करे हुए पैसे की वापिसी के जो तरीके बताये वो किसी किताब में नहीं मिलेंगे|
ग्राम सचिव से लेकर डीएम् तक को खरीदेंगे
ठाकुर साहब बोले- देखो आमदनी के लिए इंदिरा आवास, मिड डे मील, नरेगा, कोटेदार, ग्राम शिक्षा निधि सहित कई योजनाये गिना दी, अगले ५ साल के लिए होने वाले प्रधान जी बेबाकी से बताये जा रहे थे, किस प्रकार वो भ्रष्टाचार की गंगा में गोते लगायेंगे और जाँच/ शिकायत होने पर कैसे बचेंगे? पहली ही किस्त में वो क्या करेंगे? वो कैसे ग्राम सचिव से लेकर डीएम् तक को खरीदेंगे, कितने में खरीदेंगे, कौन कितना गिरा हुआ होता है, इमानदार अफसर से कैसे निपटेंगे आदि आदि!
अगली किस्त में आप पढ़िये की प्रधान जी बजट में ग्राम सचिव से लेकर डीएम तक के रेट और भ्रष्टाचार के टिप्स|
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