दिल, दिमाग, आँख और जुबान के संयम से पूरा होता है रोज़ा

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FARRUKHABAD : रमजान का महीना यूं तो मुसलमानों के लिए रोजे रखने पवित्र कुरान का पाठ करने और सुनने के साथ कसरत से इबादत करने का महीना है। जहां एक तरफ रोजों की व्यवस्था के माध्यम से लोगों में संयम और स्वयं को बुराईयों से बचाने का प्रभावी तरीका है। दूसरी तरफ रोजे रखकर इंसान अपने जिस्म की भी सुरक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था करता है। इस सिलसिले मंे काया शास्त्रीयों का मत है कि रोजे मनुष्य में विभिन्न रोगों के निदान के साथ साथ उनमें रोग रोधक क्षमता भी बढाते है।

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विशेष रूप से पेट के रोगों के लिए तो रोजे रामबाण के समान हैं। रमजान का एक व्यवहारिक पक्ष यह भी है कि इबादत का यह महीना सही मायने में मुसलमानों के घरों मंे रोजाना त्यौहार जैसा समां पैदा करता है और इस तरह संभवतः यह दुनिया का सबसे अधिक दिनों तक निरन्तर चलने वाला त्यौहार भी है। क्योंकि अफ्तार के वक्त रोजेदार के चेहरों पर जो चमक और खुशी होती है। वैसी ही खुशी आमतौर से लोगों के चेहरों पर त्यौहार के मौके पर दिखायी देती है और किसी त्यौहार की तरह ही अफ्तार के वक्त नाना प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों की सजी हुयी प्लेटें भी किसी त्यौहार का दृश्य दर्शाती लगती हैं। जो भी हो यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें न कोई हुडदंग है न शोर शराबा वल्कि खामोशी, इबादत और संयम है, जो देखने वाले को सहज ही एहसास करा देता है कि सामने वाला रोजेदार है। रोजे के अंदर एक और विशेषता देखने को मिलती है कि रोजेदार में आम दिनों की अपेक्षा ज्यादा सद्भाव, सहजता बढ़ जाती है।

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वह व्यक्ति भी जो आम दिनों में अशिष्ट अमर्यादित शैली और आचरण का प्रदर्शन आमतौर से करने में कोई झिझक तक नहीं महसूस करता, वहीं व्यक्ति रमजान मंे सामने वाले की कड़वी रसीली बातें सुनने पर स्वयं को संयत बनाये रखता है। मुस्लिम आस्था के अनुसार रोजे का मतलब केवल खाना पीना छोड देना मात्र नहीं है। वल्कि रोजेदार का रोजा उसी समय सही मायने में रोजा हो पाता है जब रोजे की हालत में उसकी आंख का भी रोजा हो, यानी आंखों से वह गलत देखने का प्रयास न करे, उसकी जवान का भी रोजा हो, अर्थात जवान से गंदी बात और किसी को ठेस पहुंचाने वाली बात न कहे। इसी तरह हाथों पैरों, दिल, दिमाग का जब रोजा रहता है तब ही किसी का रोजा पूरा होता है। इसलिए रोजे में मन, वचन और कर्म से पवित्र रहना ही एक प्रकार से रोजे द्वारा एक तरह का प्रशिक्षण है।