उत्तर प्रदेश में स्टूडेंट्स को लैपटॉप देने की योजना बीच में ही अटक सकती है क्योंकि अखिलेश यादव सरकार ने अभी तक मिले लैपटॉप की कीमत नहीं चुकाई है। इस पर लैपटॉप बनाने वाली कंपनी हैवल्ट पैकर्ड (एचपी) ने और लैपटॉप की डिलीवरी बंद करने की चेतावनी दी है।
टीओआई के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने हैवल्ट पैकर्ड से पांच लाख लैपटॉप की डिलीवरी तो ले ली है लेकिन उसकी कीमत नहीं चुकाई है। सरकार पर अभी तक 900 करोड़ रुपए का बिल बकाया है।
बजट घोषणा के बाद भी नहीं चुकाई रकम
समाजवादी पार्टी की सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में दसवीं और बारहवीं पास स्टूडेंट्स को मुफ्त लैपटॉप और टैबलेट बांटने का वादा किया था।
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इसके लिए जून 2012 में यूपी सरकार ने टैबलेट और लैपटॉप वितरण की योजना के लिए 2,721.24 करोड़ के बजट की घोषणा की थी। इसमें से 400 करोड़ टैबलेट के लिए और बाकी लैपटॉप के लिए रखे गए थे।
इस रकम को एचपी को चुकाने के लिए केवल ऑर्डर के जरिए इन्हें जिला अधकारी के खाते में जारी करने की जरूरत है लेकिन यह भी नहीं हो पाया है। टैबलेट के लिए दिए गए 400 करोड़ रुपए में से भी केवल 312 करोड़ ही जारी हो पाए। यह रकम भी टुकड़ों में चुकाई गई।
इस देरी पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने इसके कारणों की जानकारी होने से मना किया है। उनका कहना है कि पता नहीं फंड मिलने के बाद भी उसके जारी होने में देरी क्यों हो रही है।
एचपी के अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने पांच लाख लैपटॉप की डिलीवरी करने की पुष्टि की है।
पहले स्तर पर ही नहीं दी रकम
वरिष्ठ सरकारी सूत्रों के मुताबिक यूपी सरकार अब तक 5,19,000 लैपटॉप की डिलीवरी ले चुकी है जिसका बिल 998.41 करोड़ रुपए है।
एचपी के साथ हुए अनुबंध के मुताबिक सरकार को लैपटॉप की खरीद के समय ही 90% कीमत चुकानी होती है। शिक्षकों और विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के बाद बाकी 5% रकम देनी होती है। उसके बाद लैपटॉप का मेनटेनेंस पीरियड खत्म होने पर एक साल बाद बचे हुए 5% रकम चुकानी है। यूपी सरकार ने अभी तक 90% रकम ही नहीं चुकाई है।