नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के कल के आदेश से एक नई जानकारी सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति जेल से चुनाव नहीं लड़ पाएगा। इस का मतलब यह हुआ कि कोई भी शख्स अगर पुलिस हिरासत, न्यायिक हिरासत या जेल में होगा तो वो चुनाव नहीं लड़ पाएगा। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि विचाराधीन कैदी भी जेल से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
पटना हाईकोर्ट ने साल 2004 में चुनाव आयोग को जेल में बंद लोगों के नाम मतदाता सूचियों से हटाने के निर्देश दिए थे और शीर्ष अदालत ने उस वक्त इस फैसले पर स्थगन आदेश जारी किया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के इस फैसले की पुष्टि कर दी है। इस फैसले में एक और बात कही गई है कि अगर किसी को भी एहितायात के तौर पर हिरासत में लिया गया है तो उसपर यह फैसला लागू नहीं होगा।
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गौरतलब है कि कल देश की सर्वोच्च अदालत ने एक बेहद अहम फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया था कि अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी कुर्सी तुरंत छिन जाएगी, उसकी सांसद या विधायक पद की सदस्यता तुरंत खत्म हो जाएगी। अब किसी भी सांसद या विधायक को ऊपरी अदालत में अपील करने के नाम पर राहत नहीं मिलेगी। ये फैसला कल से लागू हो गया है।