सीबीआई को UPSIDC घोटाले की जांच

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courtda1111_fइलाहाबाद : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम, कानपुर में हुए घोटाले व अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। अदालत ने प्रारंभिक जांच की प्रगति रिपोर्ट तीन माह पेश करने को कहा है। साथ ही निगम के प्रबंध निदेशक को आदेश दिया है कि सीबीआइ को मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराएं और किसी भी दशा में जांच प्रक्रिया प्रभावित न होने पाए। याचिका की सुनवाई एक माह बाद होगी।

आदेश न्यायमूर्ति सुशील हरकौली व न्यायमूर्ति नाहिद आरा मूनीस की खंडपीठ ने कृष्ण प्रताप कौशिक की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में टाउन प्लानिंग के आर्किटेक्ट और प्रोजेक्ट मैनेजर अनिल कुमार वर्मा, अधिशासी अभियंता संजय तिवारी व एपीओ मनमोहन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया है। याची के अधिवक्ता शाद खान ने कहा कि इससे पहले हाईकोर्ट ने मामले की जांच विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंपी थी किंतु निगम के अधिकारियों ने उन्हें कोई सहयोग नहीं किया। इस कारण कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। याची का यह भी कहना है कि गंभीर आरोपों के बाद अनिल कुमार वर्मा को स्थानांतरित भी किया गया किंतु कुछ ही दिनों में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए वह वापस आ गए। उन्हें दो-दो विभागों का चार्ज भी सौंप दिया गया। कोर्ट ने राज्य सरकार समेत इन तीनों अधिकारियों को भी नोटिस जारी की है और याचिका पर एक माह के भीतर जवाब मांगा है।
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कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं और जांच में देरी होने से इनके खिलाफ लगाए आरोपों पर साक्ष्य एकत्र करने में कठिनाई होगी। इसलिए जांच सीबीआइ को सौंपी गई है। अदालत ने कहा कि जिस तरह अधिकारियों ने एसआईटी की जांच में अड़ंगा डाला है, वैसा सीबीआइ की जांच में न हो। प्रबंध निदेशक सारे दस्तावेज सीबीआइ को उपलब्ध कराएं।