लखनऊ। अखिलेश सरकार ने जहाँ दसवीं और बारहवीं पास स्टूडेंट्स को टेबलेट और लैपटॉप बांटा और अब बारी है प्रदेश के लेखपालों की| खबर है कि जल्द ही प्रदेश के 27 हज़ार लेखपालों को टेबलेट बांटा जाएगा ,इसके लिए राजस्व परिषद इस सरकार की मंशा के अनुसार योजना पर विचार कर रहा है। इस योजना से लेखपालों के काम तो आसान होंगे ही साथ में इससे सरकार की ऑनलाइन योजनाओं का काम भी आसानी से हो सकता है| वही प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश पुलिस का भी चेहरा बदलने का फैसला कर लिया है| प्रदेश सरकार प्रदेश पुलिस के सिपाहियों के लिए वायरलेस और जीपीएस सिस्टम से लैस हाईटेक साईकिल देने जा रही है|
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राजस्व परिशद की ये योजना लेखपालों के बीच सुचारू रूप से काम करे , इसके लिए कई ऐसी मुख्य बातें हैं जिनपर ध्यान दिया जा रहा है। टेबलेट की बारीकियां को समझाने के लिए प्रशिक्षण से लेकर लेखपालों के लिए उनका खुद का लॉग इन बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि काम करते समय किसी भी तरह की परेशानियां लेखपालों को न हो|
लेखपालों के काम के लिए एक अलग सॉफ्टवेयर भी तैयार किया जा रहा है| पारंपरिक बस्ता लेखपालों की पहचान भी होती है जिसमें लोगों के इलाकावार खतौनी से ले के उनके जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड शामिल रहता है। अगर कोई आवेदक ऑनलाइन आवेदन के जरिए जन्म-मृत्यु, आय , खसरा -खतौनी के बारे में आवेदन करता है तो उसे बिना किसी भाग दौड़ के इलाके के लेखपाल तक भेज दिया जाएगा।
जिसके बाद लेखपाल टेबलेट के जरिये ही अपनी रिपोर्ट आगे बढ़ाएगा। अब पहले की तरह आम लोगों को कचहरी और लेखपाल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे| राजस्व परिषद ऑनलाइन व्यवस्था के जरिये ही लेखपालों पर नज़र रखेगा कि उसके पास कितने आवेदकों की लिस्ट है| इसके साथ ही मामलों का निपटारा न करने वाले लेखपालों से परिषद जवाब तलब करेगा| सूत्रों के मुताबिक़, खबर ये भी है कि लेखपालों के साथ साथ 12000 नायब तहसीलदारों और 450 तहसीलदारों को भी टेबलेट दिए जायंगे।
वही, प्रदेश सरकार ने प्रदेश के चार बड़े शहरों को का चयन किया है जिनके बीट सिपाही अब साइकिलों पर चलते दिखाई पड़ सकते है, इन सिपाहियों को पूरी वर्दी में अगर आप साईकिल चलाते हुए देंखे तो हैरत में ना पड़े वजह साफ़ है सरकार गली कूचों का इस्तेमाल कर भागने वाले अपराधियों को बख्सने के मूड में नहीं है| प्रदेश सरकार ने राजधानी लखनऊ, कानपुर, गाज़ियाबाद, इलाहाबाद का चयन किया है जहाँ हाईटेक सुविधाओं से लैस साईकिल सवार तैनात किये जायेंगे|
प्रदेश पुलिस ऐसी साइकिलें खरीदने जा रही है जिसमें जीपीएस सिस्टम के साथ वायरलेस भी लगा होगा ताकि डयूटी पर मौजूद अधिकारी को सिपाही की बीट लोकेशन और उसकी गतिविधियों का पता रहे साथ ही कोई बड़ी घटना होने पर बीट सिपाही साईकिल में लगे वायरलेस सिस्टम से अपने अधिकारियों को घटना की सूचना दे सके ताकि अपराध और अपराधियों की गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके|
जीपीएस और वायरलेस से लैस इन साइकिलों की कीमत करीब 45 हज़ार रुपयें है| ये साइकिले चयनित जिलों के कंट्रोल रूम के अंडर में रहेंगी इन साइकिलों की संख्या प्रत्येक जिलें में 200 होगी| वहीँ, यूपी पुलिस अपने अधिकारियों कर्मचारियों को काम में असुविधा ना हो इसके लिए 75 जीप और हाईटेक स्कॉर्पियो गाड़ियां खरीदेगी साथ ही 300 मोटरसाईकिल भी दी जायेगीं| बड़े शहरों को सीसीटीवी कैमरों की जद में लाया जायेगा|
प्रदेश सरकार का पुलिस को हाईटेक बनाने और उनका चेहरा और चाल बदलने से आने वाले समय में ये देखना दिलचस्प होगा कि इन हाईटेक उपकरणों के आने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा चयनित इन शहरों में अपराध और अपराधियों पर कितना अंकुश लग पाता है|