FARRUKHABAD : कहीं पुत्र की लालशा तो कहीं प्यार का तोहफा आदमी को भ्रूण हत्या करने पर मजबूर कर देता है और इस मंशा में शहर के कुछ अस्पताल भी बखूबी शामिल होते हैं। पहले भी नवजात शिशुओं व भ्रूण को जगह जगह कुत्तों द्वारा नोचते देखा गया। मानवता और ममता कलंकित कर रहे समाज के चंद लोग इन रिश्तों की कोई परवाह नहीं करते। भ्रूण हत्या का शिलशिला शहर में बीते कुछ वर्षों से तेज है। पहले भी कई स्थानों पर नवजात शिशुओं को नाले इत्यादि में पड़ा देखा गया। लेकिन बुधवार को तो हद हो गयी। शहर में दो जगह भ्रूण हत्या कर उसे नालों में फेंक दिया गया। जिसको कुत्तों द्वारा नोचते देख स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
वैसे भ्रूण हत्या का कारोबार कोई नया नहीं है। तमाम कानून बनने के बाद भी इस कारोबार पर लगाम नहीं लग रही है। भ्रूण परीक्षण और हत्या दोनो ही कानून की किताब में गंभीर अपराध हैं और जिसमें जेल की सजा का भी प्रावधान है। लेकिन इसके बावजूद भी कइयों की मिलीभगत से कारोबार फलफूल रहा है। ताजे मामले में शहर क्षेत्र के बढ़पुर स्थित मेमोरियल चर्च के सामने बने कब्रिस्तान के पास किसी बेदर्द मां ने नवजात को सड़क के किनारे फेंक दिया। नवजात नाले में जा गिरा। कुछ स्थानीय लोगों ने जब नवजात को नाले में तैरता देखा तो उसे किनारे कर दिया और मामले की सूचना आवास विकास चैकी इंचार्ज को दी। सूचना पर चैकी इंचार्ज इन्द्रपाल सिंह मौके पर पहुंचे और उसे कब्जे में लेकर दफना दिया गया।
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वहीं नाला मछरट्टा स्थित पक्का पुल जाने वाली सड़क के किनारे नाली में एक तकरीबन ढाई माह का भ्रूण फेंका गया। वहां कुत्ते उसे अपना आहार बनाने का प्रयास कर रहे थे कि स्थानीय लोगों की नजर कुत्तों पर पड़ गयी और उन्होंने कुत्तों को भगाकर भ्रूण को दाह करवाया।