सीबीआई के राडार पर है फर्रुखाबाद का स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग

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NRHMलखनऊ : राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ पचास से अधिक अफसरों से पूछताछ की तैयारी कर रही है। 23 जिलों में प्रारंभिक जांच (पीइ) दर्ज करने के बाद दोबारा छानबीन में जुटी सीबीआइ ने इन अफसरों के खिलाफ साक्ष्य मिलने के बाद यह फैसला किया है। इनमें कई सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी हैं।

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सीबीआइ को इलाहाबाद, सुल्तानपुर, वाराणसी, चंदौली, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, शाहजहापुर, झासी, बादा, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, गोण्डा, आगरा, बलरामपुर, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, चित्रकूट आदि जिलों में तमाम गड़बड़ी मिली है। यहां जननी सुरक्षा योजना में लाभार्थियों को लाभान्वित न कर प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा किये गये बंदरबांट के साक्ष्य मिले हैं। स्वास्थ्य सुविधा के लिए चलाई गयी विभिन्न योजनाओं में क्रियान्वयन न होने और धनराशि हड़प लेने का मामला भी सामने आया है। प्रत्येक आबाद गावों के लिए शासन ने दस हजार रुपये सफाई, कीटनाशक दवाओं के छिड़काव आदि के लिए दिए थे। नियमानुसार यह राशि ग्राम प्रधान एवं एएनएम के संयुक्त खाते में जमा कराई जानी थी, लेकिन तत्कालीन प्रभारी चिकित्साधिकारियों ने इस धनराशि की हेराफेरी की। यह धनराशि सीएमओ के जरिए ऊपर तक भेजी गयी। कई माह पहले सीबीआइ की दिल्ली, देहरादून, गाजियाबाद और लखनऊ की शाखाओं में 23 जिलों की प्रारंभिक जांच (पीइ) दर्ज की गयी। सीबीआइ तबसे इन जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है और वर्ष 2005 से लेकर 2011 तक हुई अनियमितता उजागर की है। सीबीआइ टीम ने जननी सुरक्षा योजना, अंधता निवारण कार्यक्रम, नसबंदी कार्यक्रम, टीबी कार्यक्रम, पावर सप्लाई, ट्रासपोटेशन आदि घोटाले में स्वास्थ्य कर्मियों के बयान दर्ज करने शुरू कर दिए हैं। इन अफसरों से बहुत जल्द पूछताछ होगी।