प्रशासन चेता: जिलाधिकारी ने बाढ़ राहत चौकियों पर व्यवस्था बनाये रखने के दिये निर्देश

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फर्रूखाबाद: बिजनौर व नरौरा बांध से छोड़ा गया पानी से क्षेत्र में बाढ़ का खतरा भांपते हुए प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी ने बाढ़ राहत चौकियों पर व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश जारी कर दिये हैं।

DM Pawan Kumarजिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियन्ता रतीराम वर्मा से बाढ़ के सम्बन्ध में जानकारी ली। विदित है कि विगत वर्ष 6 लाख क्यूसेक पानी छोडऩे पर बाढ़ ने क्षेत्र में तबाही में मचा दी थी। इस बार समय से पूर्व ही कुछ दिन पहले नरौरा बांध से 3-46-837 क्यूसेक व बिजनौर बांध से 5 लाख क्यू सेक पानी छोड़ा जा चुका है। जिसके दो या तीन दिन में यहां गंगानदी में पहुंचने की सम्भावना है। जिससे गंगा तलहटी के निचले भागों में बाढ़ का खतरा बढ़ जायेगा। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित कर कहा कि बाढ़ राहत चौकियां स्थापित हैं। इन पर निुयक्ति किये गये कर्मचारियों को सतर्क कर दिया जाए। बाढ़ राहत चौकियों पर लगाये गये कर्मचारियों के बारे में बताया गया कि हर चौकी पर एक आंगनवाड़ी, एक सफाईकर्मी, एक स्वास्थ्यकर्मी एएनएम व लेखपाल लगाये गये हैं। उन्होंने बीडीओ को गांव में रहने और लोगों की बाढ़ की यथा सम्भव सहायता करने का निर्देश दिया। मुख्य चिकित्साधिकारी राकेश कुमार को निर्देशित कर कहा कि वे हर बाढ़ राहत चौकी पर तथा बाढ़ वाले क्षेत्र के गांवों में चिकित्सा टीमें भेजकर दवाईयों खासकर सर्पदंश के इन्जेक्शौन उपलब्ध करायें। उन्होंने बाढ़ राहत में लगे कर्मचारियों के मोबाइल नम्बर लेकर लोगों को इनकी जानकारी देने की बात कही।

जिला मुख्यालय पर खोले गये बाढ़ राहत केन्द्र का फोन नम्बर 05692-234655 एवं मोबाइल नम्बर 8005103770 की जानकारी भी जनसामान्य तक पहुंचा देने की बात कही। प्रभारी अपर जिलाधिकारी प्रभुनाथ ने बताया कि जनपद में कुल 344 बाढ़ प्रभावित गांव हैं। जिनमें से हल्कीभ बाढ़ में 170 गांव प्रभावित होते हैं। मध्य़म बाढ़ में 99 और गांव प्रभावित हो जाते हैं। जबकि अधिक बाढ़ की स्थिसति में शेष 75 भी बाढ़ से प्रभावित होते हैं। उन्होंेने बताया कि संभावित बाढ़ की स्थिेति को देखते हुए आवश्यिकता पड़ने पर सदर में 22, कायमगंज में 86 व अमृतपुर में 39 नावें चिंहांकित कर ली गयी हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिये सदर में 5, कायमगंज में 6 व राजेपुर में 13 शरणस्थवलों की व्यहवस्थार रखी गयी है।
मुख्य सचिव ने कमिश्नर और डीएम की तय की जवाबदेही : मंगलवार को मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने बाढ़ बचाव के मद्देनजर कमिश्नर और डीएम की जवाबदेही तय की है। प्रदेश में वर्षा होने तथा उत्तराखण्ड और नेपाल के पर्वतीय क्षेत्रों में निरन्तर वर्षा होने के फलस्वरूप इन क्षेत्रों से आने वाली नदियों में जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर बाढ़ की दृष्टि से उन्होंने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को संवेदनशील जिलों में त्वरित गति से बाढ़ नियंत्रण व राहत एवं बचाव किए जाने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ की पूर्व तैयारी के सम्बन्ध में विगत 15 जून को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी बाढ़ पूर्व/बाद की तैयारियों के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए थे।