फर्रूखाबाद: राजनीति उस कुटिल वैश्या के समान है जो हर रात अपना घर बदल सकती है| चाणक्य के सूत्र वाक्य वर्तमान में लज्जित होती भारतीय राजनीति पर चरितार्थ हो रही है| मायावती सरकार में यूपीएसआईडीसी में तैनाती के दौरान हुए घपलो की जाँच में आरोपों से घिरे सेवा निवृत्त आईएएस तपेन्द्र शाक्य को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यमंत्री बनाया है। टी० प्रसाद शाक्य को प्रशासनिक सुधार विभाग में सलाहकार बनाया गया है| शाक्य मौर्या कुशवाहा वोट बैंक समेटने की खातिर टी० प्रसाद को लालबत्ती दी गयी है| ऐसा पहली बार नहीं हुआ है|
बसपा के भ्रष्टाचार शिरोमणि पूर्व मंत्री बाबूसिंह कुशवाहा के रिश्तेदार टी प्रसाद बसपा सरकार के जमाने में यूपीएसआईडीसी में संयुक्त प्रबंध निदेशक थे इसके बाद वे राज्य निर्वाचन आयोग लखनऊ में संयुक्त आयुक्त बनाकर भेजे गए| बीआरएस लेने से पहले तपेन्द्र प्रसाद विशेष सचिव गृह विभाग बने| टी प्रसाद कैग और SIT की जाँच के फंदे में है| SIT ने अखिलेश सरकार से यूपीएसआईडीसी में हुए 200 करोड़ के घपले घोटाले में अब जाँच पूरी कर FIR दर्ज कराने हेतु अनुमति मांगी है| उस वक़्त बाबू सिंह कुशवाहा यूपीएसआईडीसी के अध्यक्ष थे|
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इलाहाबाद के मूल निवासी टी.प्रसाद के परिजन बरेली के ग्रीनपार्क में रहते हैं। लखनऊ गोमती नगर विनीतखंड 1/92 बी में स्वयं उनका आवास है। टी प्रसाद ने बीते माह संकिसा में दो दिवसीय बुद्ध पूर्णिमा समारोह का आयोजन किया था। जिसमें जिले के अलावा इटावा, मैनपुरी, एटा आदि प्रदेश भर के बौद्ध अनुयायियों ने भाग लिया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का भी कार्यक्रम था। लेकिन अं वक़्त पर अखिलेश यादव का कार्यक्रम निरस्त हो गया था| कार्यकर्म निरस्त करने के पीछे सपा की एक लाबी ने जोर लगाया था|
शाक्य मौर्या कुशवाहा वोट बैंक को जोड़ने के लिए टी प्रसाद को लालबत्ती से नवाजा गया है| श्री शाक्य शीघ्र ही फर्रुखाबाद, एटा, इटावा, मैनपुरी आदि जनपदों का दौरा करेंगे।
टी प्रसाद से जुडी खबरे-
एसआईटी ने एफआईआर दर्ज हेतु सरकार से मांगी अनुमति
06 June 2013
लखनऊ, 06/जून/2013 (ITNN)>>>> मायावती सरकार में हुए एक और घोटाले की जांच अब प्रदेश सरकार के पाले में आ गई है। यूपीएसआईडीसी में हुए इस घोटाले में दो आईएएस समेत कई अधिकारी जांच दायरे में आ रहे हैं। एसआईटी ने जांच में पाया कि मनमाने ढंग से भू-उपयोग बदल कर लाखों रुपये की धांधली की गई। एसआईटी ने अब ऐसे में अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने की अनुमति मांगी है।
प्रदेश सरकार ने सत्तारूढ़ होने के बाद ही माया सरकार में यूपीएसआईडीसी में हुए घोटाले की जांच ‘स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम’ (एसआईटी) के सुपुर्द की थी। आरोप थे कि गाजियाबाद में औद्योगिक क्षेत्र में यूपीएसआईडीसी के अधिकारियों द्वारा भू-उपयोग में बदलाव किया गया।
एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में पाया कि यूपीएसआईडीघोटाले में दो आईएएस, बसपा सरकार तत्कालीन मंत्री और यूपीएसआईडी से तत्कालीन चीफ इंजीनियर और उनके अधीन तैनात कर्मचारियों ने मनमाने फैसले लिए। ऊपर से मिले इशारे पर चहेते लोगों को मनमाने दामों पर भूखंड दिए गए।
उनके भू-उपयोग भी बदले गए, ताकि आवंटियों को लाखों-करोड़में का फायदा हो। इन भूखंडों का औद्योगिक उपयोग के बजाए व्यापारिक उपयोग किया गया। एसआईटी ने मामले में एक वरिष्ठ आईएएस, संयुक्त प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात एक अन्य आईएएस, चीफ इंजीनियर और मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति गृह विभाग से मांगी है। ज्ञात हो कि टी प्रसाद संयुक्त प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात रह चुके है|
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) की बैकलॉग भर्ती में धांधली का पता चला है|
इस बात का खुलासा कम्प्ट्रोलर एण्ड ऑडिटर जनरल (कैग) की ऑब्जेक्शन रिपोर्ट में हुआ है|
महालेखाकार इलाहाबाद के वरिषठ ऑडिट अधिकारी जयप्रकाश ने ऑडिट ऑब्जेक्शन में कहा है कि 2008-09 में बैकलॉग भर्ती के दौरान मंत्री, विधायक और आईएएस अफसरों के बच्चों या उनके रिश्तेदारों को भर्ती किया गया| रिपोर्ट ने सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेजों पर सवाल उठाते हुए उनके सत्यापन की सिफारिश की है| बताया जा रहा है कि यूपीएसआईडीसी के अध्यक्ष रहे पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के सगे भतीजे रामेंद्र कुशवाहा को डिप्टी मैनेजर बनाया गया तो उनके एक और रिश्तेदार रमाकांत कुशवाहा की नियुक्ति असिस्टेंट मैनेजर के पद पर की गई|
भगवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से बीएसपी विधायक रहे कृपाशंकर सिंह की बेटी छाया सिंह को भी असिस्टेंट मैनेजर बनाया गया| यूपीएसआईडीसी के तत्कालीन एमडी एस के वर्मा के रिश्तेदार तेजवीर सिंह को मैनेजर बनाया गया|
इसके अलावा एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के बेटे, बीएसपी सरकार के कई मंत्रियों के रिश्तेदारों को डिप्टी मैनेजर, लिपिक की नौकरी पाने में सफलता मिली| यूपीएसआईडीसी कर्मचारी संयुक्त संघ के महामंत्री बी के सिंह और देवेंद्र सिंह, चंद्रदीप श्रीवास्तव ने मामले की शिकायत शासन से की है|