डीएम को ज्ञापन: राशन कार्ड बनाने में कोटेदारो ने खुद को बताया इमानदार और सभासदों को दलाल

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फर्रुखाबाद: कहते है कि एकता में बल है| और जब यही एकता कोटेदारो की हो तो इसे कहते है बाहुबल| तो नए राशन कार्ड बनाने के लिए चल रहे अभियान की गडबडी को लेकर सभासदों से लेकर कई सामाजिक संगठनो की लिखित शिकायतों के बाद नगर के कोटेदार भी पलटवार के लिए तैयार कर दिए गए| पचास से अधिक कोटेदारो ने हस्ताक्षरित ज्ञापन के माध्यम से खुद को इमानदार और सभासदों पर दलाली करने का आरोप जड़ा है| सभासदों ने खुद पर मनघडंत आरोपों की जानकारी के बाद कोटेदारो पर मानहानि का मुकदमा दायर करने का फैसला लिया है| वैसे आरोप तो जिला आपूर्ति विभाग की कार्यप्रणाली पर लगे थे मगर बचाव में कोटेदारो के खड़े होने के बाद इस चर्चा को बल मिला है कि मिलीभगत कोटेदारो और जिला आपूर्ति विभाग में कहीं न कहीं तो है ही|

Kotedar

जिलाधिकारी पवन कुमार को सम्बोधित ज्ञापन में कोटेदार लिखते है कि फर्रुखाबाद नगर के 37 में से 10 सभासद उन्हें परेशान करने के इरादे से शिकायती पत्र प्रशासन को देते रहते है| नए राशन कार्ड जारी करने के लिए चल रहे सर्वे कार्य में प्रशासन शिक्षको और नगरपालिका कर्मियों की ड्यूटी लगायी हुई है| कोटेदारो के मुताबिक कुछ सभासद शिक्षको पर दबाब बनाकर अनाधिकृत राशन कार्ड बनबाना चाहते है| अध्यापको द्वारा जब इस कार्य को करने से मन कर दिया गया तो शिकायत करने लगे| कोटेदार अपने ज्ञापन में यह भी लिखते है कि तथाकथित (तथाकथित का तात्पर्य शिकायत कर्ता असली सभासद नहीं है) सभासद लोग महोदय जी (जिलाधिकारी को) को झूठा प्रार्थना पत्र देते रहते है| जिससे अध्यापक व् राशन कार्ड विक्रेता मानसिक रूप से परेशान है| इन सभासद द्वारा बी पी एल कार्ड बनबाने के लिए दबाब बनाया जाता है| इन सभासद द्वारा जनता से 200 से 1000 रुपये जनता से लिए गए है|

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कोटेदार लिखते है कि राशन कार्ड का सर्वे डोर टू डोर अध्यापक कर रहे है| राशन विक्रेताओ द्वारा किसी प्रकार से राशन कार्ड भरवाने का काम नहीं किया जा रहा है| नगरपालिका के कर्मचारियो पर भी दबाब अनाधिकृत राशन कार्ड बनाने के लिए सभासद डाल रहे है| कोटेदारो का डीएम से कहना है कि सभासदों के प्रार्थना पत्रों को स्वीकार न किया जाए| महान कृपा होगी|

दूसरी तरफ राशन कार्ड के सर्वे की शिकायत करने वाले एक सभासद रामजी बाजपेयी ने जे एन आई को बताया कि इस बात का फैसला तो जनता करेगी कि कौन इमानदार है| दूसरा सभासदों ने यह कभी नहीं कहा कि उन्हें फार्म दिए जाए| उनकी तो मांग सिर्फ इंतनी है कि शासनादेशो के मुताबिक डोर तो डोर फार्म वितरित कर सभी के नियमानुसार कार्ड बनाये जाए| रही बात आरोपों की तो या तो कोटेदार सिद्ध करे कि सभासदों ने जनता से पैसे वसूले है वर्ना वे अदालत में कोटेदारो के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे| चोरी और सीनाजोरी नहीं चलने दी जाएगी| ज्ञात हो कि मंगलवार को भी सतीश दीक्षित को एक ज्ञापन सभासदों ने सौपा था जिसमे रामजी बाजपेयी, रमला राठौर, अनिल यादव, आदेश गुप्ता, असलम, महेन्द्र कुमार, आलोक कुमार, राकेश सिंह गंगवार आदि शामिल थे|

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जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में शिकायत कर्ता सभी कोटेदार है एक भी अध्यापक या नगरपालिका का कर्मी नहीं है| जबकि पत्र मे अध्यापको और नगरपालिका कर्मिओ को परेशान करने का आरोप लगाया गया है| दूसरी बात अभी जो भी शिकायते हुई है वे सभी राशन कार्ड सर्वे ठीक से न होने और घर घर सर्वे न कर राशन कार्ड विक्रेताओ द्वारा करने की हुयी है| जिसमे जिम्मेदार जिला पूर्ति विभाग है और अध्यापक व् नगरपालिका कर्मी है| कमाल की बात है कि शिकायत तो जिला पूर्ति विभाग और अध्यापको के विरुद्ध हुई है और परेशान कोटेदार हो गए? नीचे जिलाधिकारी को सौपा गया ज्ञापन हूबहू प्रकाशित किया जा रहा जिसमे प्रयुक्त “प्रचलित राशन कार्ड बदलने” की भाषा बताती है कि ये एकता जिला पूर्ति कार्यालय के ही किसी कर्मी की मेहनत का नतीजा है| हाथ कंगन को आरसी क्या और पढ़े लिखे को फारसी क्या| खुद पढ़िये और नतीजा नीचे कमेंट में लिखिए| “कौन स्याह है और कौन चोर है”