दिल्ली : मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत मध्यहप्रदेश के बैतूल जिले के चिचोली ब्लॉक के हरदू गांव में शुक्रवार को आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में 350 युवतियों का कौमार्य परीक्षण का मामला सामने आया है, जिनमें 90 आदिवासी युवतियां शामिल थीं। सामूहिक विवाह में दुल्हनों के अचानक हुए गर्भ परीक्षण पर विवाद खड़ा हो गया। हालात को देखते हुए बैतूल जिला कलेक्टर राजेश प्रसाद मिश्रा ने शादी के पूर्व युवतियों के कौमार्य एवं गर्भ परीक्षण की घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
श्री मिश्रा ने बताया कि हरदू गांव में शुक्रवार को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह समारोह के दौरान आई शिकायतों की जांच के आदेश दिए गए हैं। बैतूल की सहायक कलेक्टर नेहा मार्वया इस मामले की जांच करेंगी। उन्हें सात दिन में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने के ले कहा गया है।
इस मामले में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आदिवासी समाज और महिलाओं से माफी मांगने की बात कही है। दूसरी तरफ, समाजवादी जन परिषद के अनुराग मोदी ने कहा कि जिला कलेक्टर इस मामले में केवल जांच के आदेश मात्र देकर अपना पल्ला नहीं झाड सकते। उन्होंने कहा कि बिना कलेक्टर की मंजूरी के महिलाओं को कौमार्य परीक्षण किया जाना संभव नहीं है।
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