जो लोग चेक बाउंस को लेकर कानूनी मुकदमेबाजी से गुजर रहे हैं, उनके लिए एक अच्छी खबर है। सरकार जल्द ही नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट में संशोधन करेगी, जिसके बाद बैंक चेक बाउंस मामलों में आरोपी को अदालत में नहीं घसीट सकेंगे। इस तरह के सभी मामलों का निपटारा लोक अदालतों के तहत होने वाले सेटलमेंट, आर्बिट्रेशन के जरिए होगा।
ऐसा अनुमान है कि देश भर की अदालतों में लंबित मामलों में से 30 फीसदी से ज्यादा चेक बाउंस या ट्रैफिक चालान से जुड़े हैँ। और इनकी तादाद में कमी लाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। एक्ट में बदलाव को लेकर कानून मंत्रालय वित्त और परिवहन मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है, ताकि इन दोनों श्रेणियों के तहत आने वाले मामलों को अदालत में न भेजा जाए।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
अगर ऐसे किसी मामले में आपराधिक मंशा शामिल हैं, तो वह जरूर अदालत में ले जाया जा सकता है।