इलाहाबाद : सीबीएसई की तर्ज पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) में भी अब बदलावों की बयार बह रही है। पहले हाईस्कूल में ग्रेड प्वाइंट, सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली और अब कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन। पिछले वर्ष प्रयोग के तौर पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था केवल लखनऊ, इलाहाबाद व मेरठ जनपद के माध्यमिक विद्यालयों में शुरू की गई थी। इन तीन जिलों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सफलता से उत्साहित यूपी बोर्ड ने इस सत्र से प्रदेश के सभी जिलों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की कवायद शुरू की है। इसके लिए यूपी बोर्ड ने नेशनल इनफारमेटिक्स सेंटर (एनआइसी) से इस्टीमेट मांगा है। एनआइसी इसी सप्ताह में इस्टीमेट बोर्ड को भेज देगी। इसके बाद यह व्यवस्था प्रदेश में एक साथ लागू कर दी जाएगी।
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फर्जी रजिस्ट्रेशन से ही नकल की मंडियां सजती हैं। यहीं से नकल के ठेके उठते हैं। ऑनलाइन व तय समय सीमा के भीतर रजिस्ट्रेशन के बाद हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में वही छात्र बैठ सकेंगे, जिनके विधिवत रजिस्ट्रेशन होंगे। इससे नकल पर काफी हद तक अंकुश लग सकेगा। नकल कराने का ठेका लेने वाले नकल माफिया कक्षा नौ व 11वीं में फर्जी मार्कशीट बनवाकर 10वीं और 12वीं में विद्यार्थियों का सीधे प्रवेश करा देते हैं।
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माध्यमिक शिक्षा परिषद ने रजिस्ट्रेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा रोकने और आवेदन प्रक्रिया को अधिक सरल व पारदर्शी बनाने के लिए शैक्षिक सत्र 2012-2013 से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी। इलाहाबाद व लखनऊ जनपद के अंतर्गत आने वाले माध्यमिक विद्यालयों को ऑनलाइन आवेदन करने के लिए यूपीएमएसपी.एनईटी.इन पर लॉगइन कर छात्रों का डेटा अपलोड करने को कहा गया था। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रत्येक माध्यमिक शासकीय, अशासकीय व वित्तविहीन विद्यालयों को अपने स्तर पर करना था।
और 10 से 100 फीसद पहुंचा रजिस्ट्रेशन
यूपी बोर्ड ने तय तारीख के भीतर कक्षा नौ व 11वीं के रजिस्ट्रेशन को लेकर पिछले साल सख्ती की थी। इस सख्ती का असर यह रहा कि नकल के लिए कुख्यात गाजीपुर, बलिया जैसे जिलों में जहां 2011 में 90 फीसद विद्यालयों ने कक्षा नौ व 11वीं के बच्चों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया था ऐसे विद्यालयों में 2012 में 100 फीसद रजिस्ट्रेशन हुए।