कायमगंज(फर्रुखाबाद): अनियंत्रित रोडवेज बस के पुल की रेलिंग तोड़ते हुए नहर में गिरी बस में सवार कायमगंज क्षेत्र के तीन लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। वही तीन की व मुश्किल जान बच सकी।
-गांव पपड़ी से सवार हुए थे 6 यात्री
-अखिलेश की शादी को मात्र 18 दिन ही हुए थे
कोतवाली कायमगंज क्षेत्र के गांव महमदपुर निवासी रूबी उर्फ नन्ही पुत्री इन्द्रपाल सिंह, अखिलेश पुत्र फेरू
सिंह, पवन पुत्र रामनरेश तथा नेहा, ललिता, राजकुमारी अपने गांव से दिल्ली जाने के लिए गांव पपड़ी फर्रूखाबाद मार्ग पर पहुंचे जहां वह फर्रूखाबाद से आ रही थी। लगभग शाम 7 बजे यह लोग अलीगढ़ डिपो की बस में दिल्ली जाने के लिए सवार हुए। जब वह एटा से आगे बड़े तो थाना पिलुआ के निकट लगभग साढ़े दस बजे हजारा नहर से गुजर रहे थे। तभी अलीगढ़ रोडवेज बस का संतुलन बिगड़ गया और वह पुल की रेलिंग को तोड़ते हुए हजारा नहर में जा गिरी। जिससे काफी यात्री घायल हो गए और जिसमें कुछ लोगों की घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई। इस दुर्घटना में राजकुमारी किसी तरह नहर के बहते पानी से किनारे पर पहुंच गई। उसने अपने बच्चों ललिता और राजकुमारी को बहते पानी से निकाला। जिन्हे जीवित देखकर वह उनके गले लगकर फूट-फूटकर रोने लगी। उसने देखा कि उसके साथ बस में सवार हुआ उसका बेटा पवन, रूबी व अखिलेश कही दिखाई नही दे रहे है तो उसने उनकी खोज-खबर की। उसे काफी देर बाद रोडवेज बस के मृतकों में रूबी, पवन, अखिलेश के शव दिखाई दिए। राजकुमारी ने हिम्मत बांधते हुए गांव में महमदपुर अपने परिजनों को फोन द्वारा दुर्घटना की सूचना दी। जिस पर वह लोग दुर्घटना स्थल की ओर रात में ही रवाना हो गए। एटा रोडवेज बस द्वारा तीनों मृतकों के शवों को गांव महमदपुर लगभग 3 बजे पहुंचाया गया। जहां तीनों मृतकों के शवों को देखकर परिजनों व गांव वासियों में कोहराम मच गया। पवन की मां राजकुमारी अपने बेटे के शव को देखकर दहाड़े मारकर रो पड़ी। वही अखिलेश (25) की मां फूलमती व पिता फेरू सिंह अपने नवविवाहित बेटे के शव से लिपटकर चीखे मारकर रो पड़े। वही उसकी पत्नी अपने पति अखिलेश के शव को देखकर अपना आपा खो बैठी और सड़क पर गिरकर बार-बार बेहोश हो रही थी। चाचा नन्दराम भी अपनी शुदबुद खोकर अपने भतीजे अखिलेश का नाम लेकर बिलाप कर रहे थे।