नई दिल्ली। चीन के नए प्रधानमंत्री ली कच्छयांग तीन दिन के भारत दौरे पर रविवार को दिल्ली पहुंचे। ली से अनौपचारिक मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लद्दाख में हुए घुसपैठ पर चिंता जताई। आज दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच औपचारिक बातचीत होगी। कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच चीन के प्रधानमंत्री ली कच्छयांग का भारत दौरा शुरु हुआ। सोमवार को होने वाले औपचारिक बातचीत से पहले कच्छयांग ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री निवास पर डिनर के दौरान हुई बैठक में मनमोहन सिंह ने दो टूक शब्दों में लद्दाख में चीन की तरफ से हुए घुसपैठ का मुद्दा उठाया। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कच्छयांग को कहा कि लद्दाख में हुए घुसपैठ से दोनों देशों के बीच भरोसा कम हुआ है और दोबारा विश्वास कायम करने के लिए चीन को सकारात्मक कदम उठाने की जरुरत है।
हाल ही में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत चीन के बीच तीन हफ्ते तक तनातनी का माहौल रहा। विवाद के खात्मे के साथ रिश्तों को सुधारने की मुहिम भी शुरु हो गई। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने बीजिंग का दौरा किया। वहीं अपने दौरे से पहले ली कच्छयांग ने बीजिंग में भारत के युवाओं के प्रतिनिधमंडल से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने कहा कि दुनिया में बहुत से लोग सोचते हैं कि 21वीं सदी में एशिया विश्व अर्थव्यवस्था का खास इंजन बनेगा। ये सपना साकार हो सके इसके लिए हम दोनों देशों को साथ आना होगा और एक दूसरे से मेलजोल बढ़ाना होगा। इसी तरीके से हम दुनिया में एशिया का असर बढ़ा सकते हैं।
रिश्तों को नया मोड़ देने की इसी सोच के तहत सोमवार की औपचारिक मुलाकात से पहले रविवार को मनमोहन और ली कच्छयांग ने बातचीत की। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विपक्ष के नेताओं को भी डिनर पर न्यौता देकर ली कच्छयांग को ये संदेश दिया कि चीन से रिश्ते को लेकर भारत में एकराय है और वो पूरे देश को साथ लेकर लद्दाख के मुद्दे पर विरोध जता रहे हैं। डिनर में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा ज्यादातर कैबिनेट मंत्री मौजूद थे। सोमवार को औपचारिक बातचीत में आपसी व्यापार को बढ़ाने पर चर्चा की उम्मीद है। नदियों पर बांध का मसला। भारतीय बाजारों में चीन की पहुंच बढ़ाने और फॉर्मास्यूटिकल , क़ृषि और आईटी एनेबल्ड सर्विसेज में भारत के निर्यात में इजाफे के मुद्दे छाए रहेंगे।
हालांकि चीन के तरफ से इस साल मार्च मे पेश किए बॉर्डर डिफेंस समझौते पर फिलहाल माथापच्ची की खास उम्मीद नहीं। अगले कुछ हफ्तों में विशेष प्रतिनिधियों की मुलाकात में इस पर चर्चा की उम्मीद है।