फर्रुखाबाद: जब ईमान और नीयत ख़राब हो तो क्या करेगा सबूत और साफगोई| एक गाँव में राशन की दूकान का नया आवंटन विडियो फिल्म के साए में हुआ, मगर दुकानदार द्वारा 10000/- की घूस न दे पाने के कारण तीन माह से न कोटेदार को राशन मिल पाया और न ही गाँव वालो को ये राशन बट पाया| तहसील दिवस में नए कोटेदार शहनाज बेगम ने इस बाबत अपनी शिकायत दर्ज करायी है और मामले की जाँच जिला पूर्ति विभाग को दी गयी है|
शहनाज बेगम निवासी रशीदपुर ने शिकायत आवेदन संख्या :29313-00525 के माध्यम से गत 7 मई 2013 के तहसील दिवस में फर्रुखाबाद तहसील में शिकायत दर्ज करायी है| शहनाज बेगम का आरोप है कि उसके गाँव का सचिव कोटे की दूकान के सञ्चालन चालू के लिए 10000/- रुपये की घूस माग रहा है| शिकायत के अनुसार शहनाज का कहना है कि इस रिश्वत के न दे पाने के कारण पिछले तीन माह से उसकी दूकान का सञ्चालन शुरू नहीं हो पाया है| रशीदपुर की दूकान का नया आवंटन गत 15 फरबरी 2013 को राजस्व निरीक्षक और अन्य अधिकारिओ की देखरेख में हुआ था| कोटेदार की दूकान के चयन में विडियो फिल्म भी बनायीं गयी थी| मगर दूकान के आवंटन का पत्र अभी तक उसे नहीं सौप गया है|
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जाहिर है अगर दूकान का आवंटन पत्र शहनाज बेगम को पिछले तीन माह से नहीं मिला तो ग्रामीणों को राशन भी गाँव में नहीं मिल पाया होगा| ऐसे में ये गंभीर मामला बनता है| भोजन के अधिकार से बंचित करने का आरोप भी उन सब पर बन सकता है जिनकी वजह से अभी तक शहनाज की दूकान से राशन बटना शुरू नहीं हो पाया है| मगर सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या भ्रष्ट तंत्र के मकडजाल में उलझी सरकारी मशीनरी और उससे पीड़ित जनता के इन्साफ के लिए दोषी सरकारी कर्मचारी को कोई सजा देने की पहल प्रशासन करेगा?
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