विशेष: सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा की महेश से पुरानी दुश्मनी ने खोला रेल घूसकाण्ड

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के गले की हड्डी बने सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने महेश कुमार को वर्दी से भिड़ने का मज़ा चखा दिया। रंजीत सिन्हा और रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य महेश कुमार की अदावत काफी पुरानी है। पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी की नजदीकी का फायदा उठाने वाले महेश कुमार ने कभी भी जीवन में ये नहीं सोचा था कि रंजीत सिन्हा को उनके द्वारा दिया गया जख्म ऐसा होगा जिसे सीबीआई निदेशक सूद समेत वापस कर देंगे।
mahesh kumar ranjeet sinha
रंजीत सिन्हा और 90 लाख की घूसकाण्ड में फंसे महेश कुमार की एक दूसरे को देख लेने वाली अदावत काफी पुरानी है। ये वाकया है ममता बनर्जी के रेलमंत्री रहने के समय का है जब महेश कुमार बेंगलुरु में मंडलीय रेल प्रबंधक के तौर पर तैनात थे वही, रंजीत सिन्हा आरपीएफ के डीजी थे, उसी दौरान रंजीत सिन्हा और महेश कुमार में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी।

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महेश कुमार को यह बात इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने रंजित सिन्हा से पद में कनिष्ठ होते हुए भी ममता बनर्जी से अपनी नजदीकी का फायदा उठाते हुए उन्हें रेलवे पुलिस फ़ोर्स के महानिदेशक पद से हटवा दिया। रंजीत सिन्हा डीजी पद से हटाये जाने का अपमान उस समय पी गए थे। आरपीएफ से हटाये जाने के बाद रंजित सिन्हा की तैनाती भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक पद पर हो गई।

रंजीत सिन्हा अपने उस अपमान को भूले नहीं थे| समय ने करवट ली, जहाँ महेश कुमार पश्चिम रेलवे के जीएम के पद पर पहुंचे वहीँ, केंद्र सरकार ने रंजीत सिन्हा को सीबीआई का निदेशक बना दिया| रंजीत सिन्हा जो मौक़ा खोज रहे थे वो उन्हें मिल गया| उन्होंने सीबीआई अधिकारियों को महेश कुमार के फोन टेप करने के आदेश दिए। महेश कुमार की सारी बातों को सीबीआई के अधिकारी सुनते थे, इसी बातचीत में घूस देने-लेने की बात सामने आई।

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सीबीआई के अधिकारी लगातार महेश कुमार पर नज़र रखे हुए थे। वही रंजीत सिन्हा ने सीबीआई अधिकारियों को ये आदेश दे रखा था कि महेश कुमार और पैसे के बल पर पद बेचने वालों को रंगे हाथ पकड़ना है। सीबीआई और खुद रंजीत सिन्हा ने इस बात का इंतज़ार किया कि महेश कुमार की डील 2 करोड़ में फाइनल हुई जिसकी सारी जानकारी सीबीआई को थी।

रंजीत सिन्हा ने सीबीआई अधिकारियों को तब तक कार्रवाई नहीं करने दी जब तक महेश कुमार ने घूस की तय राशि में से 90 लाख रुपये रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे विजय सिंगला को पहुंचा नहीं दिए| रुपये के आदान-प्रदान के बाद रंजीत सिन्हा ने सीबीआई अधिकारियों को हरी झंडी दिखाई जिसके बाद देश के सबसे बड़े घूसकाण्ड का खुलासा हुआ।

रंजीत सिन्हा की पुरानी अदावत ने केंद्र सरकार के साथ साफ़-सुथरी छवि वाले पवन कुमार बंसल को भी दुनिया के सामने लाकर खड़ा कर दिया। रंजीत सिन्हा ने जहाँ पहले सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर सरकार की किरकिरी करवाई,वहीँ कानून मंत्री अश्वनी कुमार की कुर्सी के लिए खतरा बन गए। बहरहाल रंजीत सिन्हा ने महेश कुमार को ये बता दिया कि वर्दी, वर्दी होती है। इसकी ना तो दोस्ती अच्छी और दुश्मनी तो करनी ही नहीं चाहिए, नहीं तो जब भी मौक़ा हाथ लगेगा वर्दी अपनी धमक दिखाएगी।