लखनऊ : मंगलवार को कैबिनेट की हुई बैठक में आम लोगों से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। राजनीतिक हलकों में इसे लोकसभा चुनाव की आहट की शक्ल में देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि समाजवादी सरकार लोकसभा चुनाव में जाने से पहले मतदाताओं को खुश करने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहती। कैबिनेट ने पूर्ववर्ती बसपा सरकार में रद की गई सिपाही भर्ती प्रक्रिया को न केवल बहाल कर दिया है बल्कि उस समय आवेदन कर चुके सभी अभ्यर्थियों (जिनकी तादाद लगभग 15 लाख है) को बगैर फीस के दोबारा आवेदन का मौका रहेगा। यहां तक उस वक्त के जो अभ्यर्थी अब ‘ओवर ऐज’ हो चुके हैं, उन्हें भी आवेदन करने का मौका दे दिया गया है। इसके लिए मंत्रिपरिषद ने नागरिक पुलिस आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली, 2013 में चौथे संशोधन को मंजूरी दे दी है।
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फैसला किया गया है कि ज्यादा से ज्यादा स्टाम्प राजस्व हासिल करने के लिए जिलाधिकारियों द्वार सर्किल रेट में मनमाना इजाफा नहीं किया जा सकेगा। सर्किल रेट के सालाना पुनरीक्षण में जिलाधिकारियों को न केवल उसे बढ़ाने पर बल्कि मनमाने बढ़े रेट को बाजारू मूल्य तक घटाना भी होगा। कैबिनेट ने सेवानिवृत सैनिकों को रहने के लिए जमीन खरीदने पर स्टाम्प ड्यूटी से छूट के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है। शहरों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए रेडियो टैक्सियां चलाने का प्रस्ताव भी मंजूर हो गया है।
लोहा, स्टील, सिगरेट, सिगार को सस्ता करने के लिए इन पर लगने वाले टैक्स को कम कर दिया गया है। खाण्डसारी से बनी कुलिया और ट्रेडल पम्प पूरी तरह से कर मुक्त होगे। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार सिगरेट, सिगार पर लगने वाले 50 फीसद टैक्स को घटाकर 25 फीसद कर दिया है। लोहे एवं इस्पात की पांच श्रेणियों, सरिया, स्टील पर लगने वाला 5 प्रतिशत प्रवेश कर घटा कर एक फीसदी कर दिया है। स्पून (चम्मच) पर लगने वाले टैक्स को साढ़े 12 फीसद से घटाकर 4 फीसद कर दिया है। मटर दाल से बने बेसन पर अभी तक साढ़े 12 प्रतिशत टैक्स लगता था, जिसे घटाकर साढ़े चार प्रतिशत कर दिया गया है। खाण्डसारी की कुलिया पर अभी तक चार प्रतिशत कर लगता था, जिसे अब कर मुक्त कर दिया गया है।
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चलेंगी रेडियो टैक्सियां : कैबिनेट रेडियो टैक्सी चलाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति देते हुए इसके लिए उप्र मोटरयान नियमावली 1998 में संशोधन करने का निर्णय किया। मंत्रिपरिषद के इस फैसले से प्रदेश में रेडियो टैक्सी के संचालन का रास्ता साफ हो गया है। इससे यात्रियों को 24 घंटे टैक्सी सेवा उपलब्ध रहेगी और इसका किराया दूरी के अनुरूप होगा।
सर्किल रेट : कैबिनेट ने फैसला किया है कि पुनरीक्षित सर्किल रेट को जिलाधिकारी के बजाय शासन की हरी झंडी के बाद ही लागू किया जा सकेगा। दरअसल शासन के संज्ञान में इस तरह के मामले आए हैं जिसमें बाजार मूल्य से कहीं अधिक सर्किल रेट तय कर दिए गए हैं। इससे संबंधित क्षेत्र की जमीन की खरीद-फरोख्त करने वालों को कहीं ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ रही है। सरकार का मानना है कि सर्किल रेट के पुनरीक्षण (रिवीजन) का मतलब केवल रेट बढ़ाना ही नहीं है। कई बार स्थल निरीक्षण के बिना ही सर्किल रेट बढ़ा दिए जाते हैं जबकि मौके पर जमीन की कीमत बढ़े सर्किल रेट से कम ही होती है।
नियमावली में संशोधन कर ऐसी व्यवस्था प्रस्तावित है कि प्रति वर्ष सर्किल रेट लिस्ट में पुनरीक्षण करके सर्किल रेट को बाजारू मूल्य के समतुल्य बनाए रखा जा सके। ऐसे में जिलाधिकारी को कहीं का सर्किल रेट तय करने का कारण स्पष्ट करना होगा। यदि कहीं का सर्किल रेट, बाजारू मूल्य से ज्यादा होगा तो संबंधित जिलाधिकारी को पुनरीक्षण में उसे बाजार मूल्य के समतुल्य रखने के लिए घटाना भी होगा।
रिटायर्ड सैनिकों को मिलेगी स्टाम्प ड्यूटी से छूट : प्रदेश सरकार सेवानिवृत सैनिकों को रहने के लिए जमीन खरीदने पर स्टाम्प ड्यूटी से छूट देने जा रही है। छूट केवल 200 वर्गमीटर तक के आवासीय भूखंड खरीदने पर ही दी जाएगी। 200 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले आवासीय भूखंड की रजिस्ट्री कराने पर सेवानिवृत सैनिकों को स्टाम्प ड्यूटी की छूट नहीं होगी। सेवा में रहते हुए आवासीय जमीन खरीदने वाले सैनिकों को भी स्टाम्प ड्यूटी से छूट नहीं होगी। अधिसूचना जारी होने की तारीख के बाद सेवानिवृत होने वाले सैनिकों को ही इस छूट का लाभ मिलेगा। छूट सिर्फ पहले आवासीय भूखंड के खरीदने पर ही मिलेगी। छूट लेने के लिए सेवानिवृत सैनिकों को इस संबंध में शपथपत्र देना होगा। विदित हो कि अभी अन्य की तरह सेवानिवृत सैनिकों को भी खरीदे गए भवन-भूखंड की रजिस्ट्री कराने पर डीएम सर्किल रेट के मुताबिक कुल लागत का सात फीसद तक स्टाम्प ड्यूटी देनी पड़ती है। इसमें दो फीसद विकास शुल्क का होता है। विभागीय जानकारों के मुताबिक इस तरह की छूट अभी सिर्फ गोवा राज्य में ही है।