FARRUKHABAD : तहसील दिवस अब अधिकारियों की शिथिलता से मजाक बनता दिखायी दे रहा है। तहसील दिवस में आने वाले सैकड़ों फरियादियों की शिकायतों को इकट्ठा तो कर लिया जाता है लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के खेल में मात्र कुछ ही शिकायतें दर्ज की जाती हैं। मंगलवार को तहसील सदर में सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में हुए तहसील दिवस में 62 प्रार्थनापत्र आये, जिनमें मात्र चार का ही मौके पर निस्तारण किया जा सका।
जनता को त्वरित न्याय दिलाने के लिए तत्कालीन बसपा सरकार में शुरू किये गये तहसील दिवसों को इस समय मजाक बनाकर रख दिया है। सैकड़ों की संख्या में आने वाले फरियादियों की शिकायतें मात्र इस भय से इंटरनेट पर दर्ज नहीं की जातीं क्योंकि शिकायतों का उच्च स्तरीय लेवल पर मानीटरिंग हो रही है। जिससे अधिकारी जानबूझ कर इंटरनेट पर दर्ज होने वाली शिकायतों का निस्तारण न कर उन्हें दर्ज न करने का खेल खेल रहे हैं। इसके साथ ही अब अधिकारियों में जनता को त्वरित न्याय दिलाने की जगह उन्हें टरकाया जा रहा है। मंगलवार को तहसील सदर में हुए तहसील दिवस में कुल 62 शिकायतें दर्ज की गयी। जिनमें राजस्व की 23, चकबंदी 6, बेसिक शिक्षा 12, सर्वे 1, पुलिस 7, प्रोवेशन 2, नगर पालिका 3, कृषि 1, विकास 4, विद्युत 2, वक्फबोर्ड 1, आपूर्ति 1, जिला पंचायत 1, जल निगम 1 आये जिनमें से मात्र 4 आवेदन पत्रों का ही मौके पर निस्तारण किया जा सका।
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