उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख सचिव सहित कई अफसर पांच घंटे हिरासत में रहे

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3july2010courtलखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) को हिरासत में ले लिया गया। अदालत की अवमानना के एक मामले में कोर्ट ने यह आदेश दिया। इसके अलावा अवमानना से जुड़े एक अन्य मामले में फैजाबाद के अतिरिक्त आयुक्त को भी जेल भेज दिया गया है। सायं चार बजे न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति डॉ. सतीश चन्द्रा की अलग-अलग पीठों ने सभी अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए बिना शर्त माफी मांगने व भविष्य में गलती न होने का शपथ पत्र देने पर 10-10 हजार रुपये का हर्जाना जमा करने के बाद मुक्त कर दिया। जबकि प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव को बिना शर्त माफी मांगे जाने पर कल बुधवार सुबह सवा दस बजे तक की मोहलत दी गई है। पीठ ने प्रमुख सचिव को बुधवार को पुन: उपस्थित होने को कहा है। पीठ ने कहा कि अधिकारी यह कहकर बच नहीं सकते कि उनकी जिम्मेदारी नहीं थी।

उत्तर प्रदेश के कई बड़े अफसरों पर हाईकोर्ट की गाज गिरी है। अवमानना के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी के प्रमुख गृह सचिव आरएम श्रीवास्तव को कस्टडी में ले लिया है। उनको कोर्ट में बिठाकर रखा गया है। प्रमख गृह सचिव पर पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय को सुरक्षा देने के मामले में ये कार्रवाई हुई है।

पूर्व बसपा मंत्री रामवीर उपाध्याय को सुरक्षा दिए जाने के मामले में पीठ ने प्रमुख सचिव गृह को तलब किया था। जबकि दूसरी पीठ ने बीएम मीना प्रमुख सचिव स्टांप, बस्ती के बीएसए राम सकल वर्मा व अपर आयुक्त प्रशासन फैजाबाद शैलेन्द्र कुमार सिंह को अदालती आदेश का पालन देर से किए जाने के मामले में तलब किया था। अफसरशाही के टालमटोल के रवैए से आजिज आकर पीठ ने मंगलवार को इन अधिकारियों को तलब कर अदालत में हिरासत में ले लिया। पीठ ने अनेक अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आरोप तय करने की तिथियां निश्चित कर दी।

पीठ के समक्ष प्रमुख सचिव बीएम मीना की ओर से कहा गया कि उन्होंने जुलाई 2012 में विभाग में कदम रखा और जब उनको अवमानना नोटिस मिली तो उन्होंने आदेश का पालन कर दिया। पीठ ने सुनवाई के समय सरकारी अफसरों के इस रवैए पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि प्रत्येक अधिकारी को चार्ज लेते समय सुनिश्चित करना चाहिए कि अदालत से संबंधित कितने मामले चल रहे हैं। अधिकारी यह बहाना बनाकर बच नहीं सकते कि पूर्व अधिकारी की जिम्मेदारी थी। पहले पीठ ने सुबह ग्यारह बजे बीएम मीना को हिरासत में लेते हुए तीन दिन जेल की सजा सुना दी बाद में उनकी तरफ से बिना शर्त माफी का हलफनामा लेकर याची को 10 हजार रुपये हर्जाना देने की बात पर छोड़ा गया। जबकि प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव को बुधवार सुबह पुन: उपस्थित होने को कहा है।
वहीं अवमानना के एक दूसरे मामले में प्रमुख सचिव स्टांप केएल मीना को भी कस्टडी में ले लिया गया है। उनको भी कोर्ट में बिठा लिया गया है। जबकि अवमानना के एक और मामले में फैजाबाद के एडिशनल कमिश्नर प्रशासन शैलेंद्र कुमार सिंह को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तीन दिन के लिए जेल भेज दिया है। हाईकोर्ट ने शैलेंद्र कुमार सिंह को एक मामले को छह महीने के भीतर निपटाने का आदेश दिया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने सिंह को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था। छह महीने के भीतर शैलेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी काम पूरा नहीं किया। इसके बाद उन्हें तीन दिन के लिए जेल भेज दिया गया।

अवमानना के एक दूसरे मामले में प्रमुख सचिव स्टांप केएल मीना को भी कस्टडी में ले लिया गया है। उनको भी कोर्ट में बिठा लिया गया है। जबकि अवमानना के एक और मामले में फैजाबाद के एडिशनल कमिश्नर प्रशासन शैलेंद्र कुमार सिंह को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तीन दिन के लिए जेल भेज दिया है।