नई दिल्ली। एक अक्टूबर से देशभर के रसोई गैस उपभोक्ताओं के बैंक खातों में सीधे सब्सिडी हस्तांतरित होने लगेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 15 मई से 20 जिलों में एलपीजी सब्सिडी सीधे खाते में पहुंचने लगेगी। फिलहाल देशभर के 14 करोड़ एलपीजी ग्राहकों के बैंक खातों को आधार नंबर से जोड़ने की कवायद हो रही है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर [डीबीटी] स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने लाभार्थियों के खातों में सीधे राशि देने की योजना इसी साल जनवरी से शुरू की है। एलपीजी सब्सिडी भी इसी का हिस्सा है।
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अधिकारियों के मुताबिक सरकार ने पूरे देश में यह योजना एक अक्टूबर तक लागू करने का निर्णय ले लिया है। योजना के तहत सभी रसोई गैस उपभोक्ताओं के बैंक खातों को आधार नंबर से जोड़ा जा रहा है। इसकी तैयारी के लिए बैंकों को निर्देश दिया जा चुका है। योजना के तहत ग्राहकों को बाजार मूल्य पर रसोई गैस सिलेंडर खरीदना होगा और इस पर दी जाने वाली सब्सिडी की राशि उनके खाते में सीधे पहुंच जाएगी। सरकार ने सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या साल में नौ कर दी है। इस लिहाज से एक साल में खाते में लगभग 4,000 रुपये आएंगे।
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विशिष्ट पहचान प्राधिकरण [यूआइडीएआइ] अब तक देश में कुल 32 करोड़ आधार कार्ड जारी कर चुका है, लेकिन बैंक खातों से अब तक केवल 80 लाख आधार नंबर ही जोड़े जा सके हैं। वित्त मंत्रालय ने पिछले दिनों सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ग्राहकों के खाते आधार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया तेज करने को कहा था। सरकार को उम्मीद है कि सीधे खाते में सब्सिडी ट्रांसफर होने पर फर्जी कनेक्शन और सिलेंडरों की कालाबाजारी पूरी तरह से बंद हो जाएगी।
डीबीटी की मॉनीटरिंग में कमियों की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सोमवार को 121 जिलों के जिलाधिकारियों की बैठक बुलाई है। पहली जुलाई तक इन जिलों में यह योजना लागू हो जाएगी। फिलहाल 43 जिलों में डीबीटी स्कीम लागू है। इस समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री पी चिदंबरम, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया, पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश मौजूद रहेंगे।