नेताओं के परिजन अपराध करें तो क्या कार्रवाई की जाए.. सुनकर साहब की बोलती बंद

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर पिछले कुछ दिनों में काफी बुरी खबरें आई, इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (आईटीएफ) वीमेन फ्यूचर्स टूर्नामेंट में कई देशी-विदेशी महिला खिलाड़ियों ने असुरक्षा के चलते लखनऊ आने से इन्कार कर दिया। इसके बाद शनिवार को लखनऊ में पुलिस के आलाधिकारियों की एक मैराथन बैठक हुई जिसमें डीजी पुलिस ने सभी को ज्ञान की घुट्टी पिलाई वहीँ कुछ सवालों के जवाब में वो भी चुप्पी साध गए|
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मीटिंग अपने चरम पर थी आलाधिकारी अपने मातहतों को ज्ञान बाँट रहे थे| तभी एक छोटे अधिकारी ने हवा में एक सवाल उछाल दिया उसने पूछा नेताओं के परिजन जो अपराध कर रहे हैं, उन पर क्या कार्रवाई की जाए। फिर क्या था जितने भी ज्ञानी वहां बैठे थे उनके मुहं बंद हो गए| कई बड़े अधिकारी वहां मौजूद थे इनमें से कुछ ऐसे भी थे जिनकी मौजूदा छवि कड़क और किसी की न सुनने वाली है लेकिन वो भी कुछ नहीं बोल सके| मीटिंग हाल में सन्नाटा पसर गया| जिस अधिकारी ने ये सवाल किया था उसे लगा की शायद उसने कोई गलत सवाल कर दिया| इसी बीच एक अधिकारी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि परिस्थिति के अनुसार अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने से नहीं हिचकना चाहिए।

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इसके बाद अगला सवाल था ऐसे मामलों में तत्काल क्या कार्रवाई की जाए? इस पर फिर एक बार सभी की बोलती बंद हो गयी, बड़े अधिकारी एक दूसरे से आखों में आखें डाल ये जानने का प्रयास कर रहे थे कि इसका क्या जवाब दें| काफी देर बाद जवाब मिला पुलिस को परिस्थिति के अनुसार तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

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अब आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों हुआ| दरअसल पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के अलग-अलग कोनो से कई नेताओं के पुत्रों और उनके भाई बंधुओं की दबंगई की ख़बरें सुनने को मिली, जहाँ काफी दबाव के बाद शिकायत दर्ज हुई थी| लेकिन कार्यवाही के नाम पर अभी भी कुछ खास नहीं हो सका है| सूत्रों के दूसरी बात जो सामने आई वो ये की यही पुलिसवाले इन नेताओं के खिलाफ कोई कार्यवाही करते हैं तो बदले में उनको प्रताड़ित किया जाता है, धमकियाँ मिलती हैं, ट्रांसफर तक हो जाते हैं| नेता उनको इतना मजबूर कर देते हैं कि वो अपने फर्ज से समझौता कर लेते हैं| ऐसे नेताओं से कैसे निपटा जाये| इस पर भी कोई आलाधिकारी ठीक से जवाब नहीं दे सका|

फिलहाल मीटिंग की रस्म पूरी हो चुकी है| सभी को निर्देश दिए जा चुके हैं| अब उनको अमल में कैसे लाया जाये इसके लिए चर्चा चल रही है|
साभार- पर्दाफास