आग लगने से बेकरी का 14 लाख का नुकसान, दुकानदार झुलसा

Uncategorized

फर्रुखाबाद: गर्मी बढ़ते ही शहर में आग लगने की घटनाओं में अचानक वृद्वि शुरू हो गयी है। बीते शनिवार aag1की रात ही मऊदरवाजा क्षेत्र के ग्राम ढुइयां में संजय पुत्र सतीश गुप्ता की परचून की दुकान में भयानक आग लगी थी। जिसे बमुश्किल बुझाया जा सका तो वहीं रविवार की रात शहर कोतवाली क्षेत्र के पक्कापुल चौराहा स्थित किशनलाल श्यामवानी की बेकरी शाप में अचानक आग लग गयी। देखते ही देखते दुकान में रखा लाखों रुपये का माल जलकर खाक हो गया।

aag2किशनलाल गुदड़ी पक्कापुल में रह रहे हैं, जहां उनकी दुकान में बेचने के लिए बेकरी की खाद्य सामग्री बनायी जाती है। जिसके बाद उसे पक्के पुल चौराहे स्थित दुकान पर विक्री हेतु सजाया जाता है। दुकान का उदघाटन बीते 17 अक्टूबर को ही हुआ था। आधी रात के बाद दुकान में शार्ट सर्किट से लगी आग ने जो रूप धारण किया वह किसी से छिपा नहीं है। आग ने चंद मिनटों में ही पूरी kisanlalदुकान को अपने आगोश में ले लिया। पड़ोसियों ने सुबह पांच बजे दुकान में धुआं निकलता देखा तो मामले की सूचना किशनलाल श्यामवानी को दी। दुकान में आग लगने की जानकारी मिलते ही किशन अपने अन्य साथियों के साथ दुकान पर आये तो देखा कि दुकान में तेज आग की लपटें निकल रहीं थीं। फायरब्रिगेड को मौके पर बुलाया गया। फायर ब्रिगेड ने जैसे तैसे आग पर काबू तो पा लिया लेकिन पूरी तरह से आग नहीं बुझा पायी। तब तक फायर टेंकर में पानी खत्म हो चुका था। कई घंटे प्रयास के बाद नगर पालिका परिषद से पानी का टेंक मंगाकर पुनः फायरब्रिगेड ने आग बुझाने का प्रयास शुरू किया और बमुश्किल आग बुझ सकी। आग में बेकरी में रखा ड्रिप फ्रिजर, खाद्य सामग्री, नगदी, कोल्ड ड्रिंक के अलावा अन्य लाखों का सामान जल गया। किशनलाल ने अनुमानित नुकसान तकरीबन 14 लाख रुपये का बताया है। सूचना पर शहर कोतवाल रूम सिंह यादव भी फोर्स के साथ मौके पर डटे रहे।

आग से नहीं फायर ब्रिगेड के भरोसे पर खतरा
जिले में फायर ब्रिगेड की स्थिति जिस तरह से ध्वस्त है वह किसी से छिपी नहीं है। बेकरी में आग बुझाने पहुंचे सिपाही बटेश्वर यादव व सर्वेश कुमार के अaag3लावा फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने भी खुद इस बात को कबूल किया कि फायर पुलिस की स्थिति बद से बदतर है। बीते दिन जब फायर ब्रिगेड ढुइयां निवासी संजय की दुकान में आग बुझाने गयी तब भी उसका पानी खत्म हो गया। जैसे तैसे नाली के पानी से आग बुझायी जा सकी। 28 से 30 साल पुराने हो चुके फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से पानी रिसना शुरू हो गया है। कहीं कहीं तो गाड़ियों में धक्का लगाना पड़ता है। ऐसे में जनता फायर ब्रिगेड पर भरोसा कैसे कर सकती है। अगर आग बड़ी तादाद में लग जाये तो फायर ब्रिगेड शायद उसे बुझाने में नाकामयाब ही साबित होगी। वहीं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बाहर पानी के प्वाइंट नहीं लगाये गये हैं। जिससे कभी अचानक आग जैसा हादसा होने पर पानी उपलब्ध कराने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। बदहाल फायरब्रिगेड की जानकारी आला अधिकारियों को होने के बावजूद भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं जा रहा है।