लखनऊ: जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर सीधे मुख्यमंत्री स्तर से कार्रवाई का डंडा चलेगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री अब सीधे शिकायतकर्ताओं से सवाल करेंगे। शासन स्तर से इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
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दरअसल शासन की चिंता इस बात को लेकर है कि मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में विभिन्न जनपदों से बड़ी संख्या में शिकायतकर्ता पहुंचते हैं। इससे यह माना जा रहा रहा है कि जनपद स्तर पर आयोजित होने वाले तहसील दिवसों में शिकायतों-समस्याओं का समयबद्ध निस्तारण नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा टाल मटोल का रवैया अपनाया जा रहा है। तहसील दिवसों में मौके पर शिकायतों का निस्तारण की रिपोर्ट भी काफी निराशाजनक है।
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प्रमुख सचिव राजस्व द्वारा निर्देशित किया गया है कि जन समस्याओं का निस्तारण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। माह के प्रथम बुधवार को मुख्यमंत्री स्वयं जनता दर्शन के माध्यम से जनता की बात सुनते हैं और उनके निस्तारण का निर्देश देते हैं। शासनादेश 30 सितंबर 2009 तथा 26 मई 2012 द्वारा निर्धारित की गयी प्रक्रिया के अनुसार जनपदों में भी प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय मंगलवार को तहसील दिवस का आयोजन कर जन समस्याओं का निस्तारण किया जा रहा है। बावजूद इसके शिकायतों के निस्तारण की प्रगति दिखाई नहीं दे रही है।
अब सीधे शिकायतकर्ता से रूबरू होंगे मुख्यमंत्री
शासन ने निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के संदर्भ व तहसील दिवस की निर्धारित अवधि में अधिक दिनों तक लंबित प्रार्थना पत्रों एवं निस्तारित प्रार्थना पत्रों में से 20-20 शिकायतों को चुनकर मुख्यमंत्री की शिकायत कर्ताओं से सीधे वीडियो कांफ्रेसिंग कराई जाए। निस्तारित शिकायतों की गुणवत्ता के आधार पर अधिकारियों को प्रोत्साहित और दंडित किया जाए।