इलाहाबाद : आने वाले दिनों में प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्यो व शिक्षकों का संकट नहीं रहेगा। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक)-पीजीटी (प्रवक्ता) 2012 व 2013 परीक्षा को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। बोर्ड ने जिलों से 30 जून 2014 तक इन विद्यालयों में प्रधानाचार्यो व शिक्षकों के रिक्तियों के संबंध में अधियाचन मांगा है।
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अधिकारी बताते हैं कि तीन साल से टीजीटी-पीजीटी की भर्ती परीक्षा नहीं हुई हैं। टीजीटी-पीजीटी-2011 परीक्षा के तहत इसे दूर करने की कवायद शुरू की गई। बोर्ड ने तकरीबन दो हजार पदों के लिए नवंबर 2011 में आवेदन मागे थे। इसके लिए करीब पाच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किए। बोर्ड की तैयारी परीक्षा मई 2012 में कराने की थी लेकिन उसी दौरान राज्य में विधानसभा चुनाव को देखते हुए इसे टाल दिया गया। नई सरकार के गठन के बाद इस दिशा में फिर से कार्रवाई शुरू हुई लेकिन बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष के निलंबित किए जाने से मामला अधर में लटक गया।
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भर्ती प्रक्रिया की कवायद तेज : 2011 की लंबित परीक्षा को शीघ्र कराने की तैयारी में जुटे बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी 2012 व 2013 परीक्षा को लेकर भी कवायद तेज कर दी है। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद बोर्ड ने इसके लिए अधियाचन से संबंधित कार्रवाई भी शुरू कर दी है। बोर्ड चेयरमैन प्रो.देवकी नंदन ने जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस) से उनके जिले में स्थित अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 30 जून 2014 तक प्रधानाचार्यो, प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातकों की रिक्तियों के संबंध में ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है। चेयरमैन के मुताबिक जिलों से आई रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। दोनों परीक्षाओं में करीब चार हजार माध्यमिक शिक्षकों व एक हजार प्रधानाचार्यो की भर्ती होने की संभावना है।