सीओ ह्त्याकाण्ड के मुख्य आरोपी की जन्मतिथि उसके स्कूल ने ही बदली थी

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लखनऊ। प्रतापगढ़ के बलीपुर गाँव में हुए सीओ हत्याकांड के मुख्य आरोपी की जन्मतिथि में बदलाव किया गया था। सीबीआई की पकड़ में आये प्रधान नन्हे यादव के बेटे और मुख्य आरोपी ने अपने बयान में खुद को नाबालिग बताते हुए पिता चाचा की ह्त्या के बाद आक्रोश में आकर सीओ जियाउल हक की ह्त्या की बात कबूली थी।
CBI IN PTARAPGARH
सीबीआई ने जब मुख्य आरोपी की जन्मतिथि की जांच के लिए दस्तवेज और कागजात खंगाले तो दुखीराम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कक्षा नौ के दाखिले के समय मुख्य आरोपी की उम्र को मिटाकर 1996 दर्ज कर दिया गया जबकि वोटर आईडी के मुताबिक, मुख्य आरोपी की सही उम्र 18 दिसंबर 1994 दर्ज है।

जेजे बोर्ड ने जब मुख्य आरोपी की उम्र की जांच करके रिपोर्ट और फेरबदल करने वाले को बोर्ड के सामने पेश होने के आदेश दिए, तब मामला परत दर परत खुलता गया। जांच में सामने आया कि स्कूल प्रबंधक के आदेश पर मुख्य आरोपी की जन्मतिथि को कलर्क ने बदला था। जेजे बोर्ड ने इस बात को बयान के तौर पर दर्ज कराने के लिए दुखीराम उच्चतर विद्यालय के प्रधानाचार्य को तलब किया।
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प्रधानाचार्य सालिग राम पाल ने अपने बयान में कहा कि स्कूल प्रबंधक के कहने पर ही मुख्य आरोपी की जन्मतिथि बदली गई थी| अपने बयान को पुख्ता करने के लिए उन्होंने दस्तवेज भी प्रस्तुत किये। सालिग राम ने ये भी बताया कि मुख्य आरोपी ने 3 जुलाई 2002 को कक्षा 4 में दाखिला लिया था। उस समय उसकी जन्मतिथि 18 दिसंबर 1994 दर्ज कराई गई थी। कक्षा चार से दस तक आरोपी ने इसी विद्यालय से शिक्षा ग्रहण की थी।विद्यालय के रजिस्टर में क्रमांक 153 पर आरोपी का नाम और जन्मतिथि दर्ज है।

प्रधानाचार्य के बयान के मुताबिक, विद्यालय के प्रबंधक फूलचंद्र यादव के कहने पर विद्यालय के बाबु इन्द्रेश कुमार पटेल ने रजिस्टर में वाईटनर लगाकर आरोपी की जन्मतिथि को बदल दिया और 1994 की जगह 1996 दर्ज कर दिया।
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