हत्या के बाद बोला क्राइम की जय हो ! काम हो गया

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लखनऊ : कुंडा के बलीपुर गाँव के प्रधान नन्हे यादव की हत्या में गिरफ्तार राजीव सिंह और गुड्डू सिंह के साथ ही कई अन्य संदिग्ग्ध सीबीआई के सर्विलांस में फंस गए हैं| जाँच टीम ने फोन पर हुई इनकी बातचीत को टेप किया है|
CBI in Kunda
जरा देखिये क्या है इस टेप में ”हलो, क्राइम की जय हो! काम हो गया है, .. बहुत ऐंठता था, तीन दानों में ही निपट गया..| इस टेप से सीबीआई को ये भी पता चला है कि एक अभियुक्त पुणे में अपने साथी को इस हत्या के बार एमें बता रहा है| कुण्डा मामले की जांच सीबीआई को 7 मार्च को मिली थी| इसके बाद सीबीआई ने नन्हे के करीबियों पूर्व मंत्री राजा भैया के करीबियों के फोन टेप करना आरंभ कर दिया था| वो आरोपित जो इस दौरान जेल में बंद थे उनके भी फोन टेप किये गए। जेल से ही पुणे में रहने वाले अपने एक साथी को फोन कर उससे यह बात कही|

सूत्रों के मुताबिक कुण्डा कांड कि जाँच में लगी सीबीआई ने सिर्फ आरोपियों के ही फोन नहीं टेप किये बल्कि कई पुलिस अधिकारीयों और राजनेताओं के भी मोबाइल फोन टेप किये और उनकी कॉल डिटेल भी हासिल कर ली है जो इस मामले में अहम साबुत साबित होगी| ये वो लोग हैं जिन्होंने तीनों हत्याओं के बाद लगातार संदिग्ध व्यक्तियों से लगातार बात की।
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जांच में ये भी पाया गया है कि नन्हे यादव और सीओ की हत्या के बाद एसओ हथिगवां निरंतर कुछ नेताओं से बात करते रहे|इस दौर ये भी पता चला कि एक आरोपी ने तो जेल से भी फोन द्वारा अपने साथी से बात की और उसके साथ सीबीआई जाँच और हत्याओं की बातें साझा की|

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल पैदा करने वाले कुंडा के तिहरे हत्याकांड की जांच में सीबीआई ने मृत सीओ जिया उल हक की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है। सीबीआई का कहना है कि बलीपुर के प्रधान नन्हे यादव की हत्या के बाद उसके भाई सुरेंद्र यादव के गोली लगने पर नन्हें के नाबालिग बेटे बबलू ने ही पुलिस उपाधीक्षक की हत्या की थी। उस समय इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बलीपुर का दौरा कर मृत ग्राम प्रधान व उसके भाई के परिजनों को 20-20 लाख की आर्थिक सहायता दी थी। आज उसी परिवार का 17 वर्षीय बबलू एक पुलिस अधिकारी का हत्यारा साबित हो गया है। सीबीआई ने बबलू को हिरासत में ले लिया है।

पहले इस पूरे मामले में कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे थे। जिसके चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राजा भैया का मंत्री पद से इस्तीफा लेकर मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। लेकिन अब इस मामले मारे गए सीओ जिया उल हक की हत्या से पर्दा उठ चुका है। हक की हत्या के मुख्य अभियुक्त नाबालिग बबलू की निशानदेही पर मृतक का मोबाइल भी बरामद कर किया ।

सीबीआई के मुताबिक बलीपुर गांव में उस रोज हुई प्रधान नन्हें यादव की हत्या की सूचना मिलते ही सीओ जिया उल हक स्थिति का जायजा लेने बलीपुर पहुंचे थे। गांव में घुसने के बाद सीओ नन्हें के घर की ओर बढ़ ही रहे थे कि गली में ही मृत प्रधान का भाई सुरेंद्र हाथ में बंदूक लेकर निकलता दिखा। जिया उल हक ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन गुस्साया सुरेंद्र उलटा उन्हीं पर हमलावर हो गया। सुरेंद्र ने हक के रोकने पर विरोध में बंदूक की बट से प्रहार करने शुरू कर दिए। इस दौरान घायल जिया उल हक ने बंदूक की बट को पकड लिया। लेकिन आपे से बाहर सुरेंद्र ने बंदूक छीनी और इसी कोशिश में फायर हो गया। बंदूक की नली सुरेंद्र की ओर थी इसलिए गोली लगते ही वह जमीन पर गिर पड़ा। जब तक कोई सुरेंद्र की मदद के लिए आगे बढ़ता बगल में खड़े 14 वर्षीय बबलू पुत्र मृत नन्हें ने पिता की लाइसेंसी रायफल से जिया उल हक के गोली मार दी। पुलिस अधिकारी की मौत के बाद उसने अपने नौकर और चाचा की मदद से सीओ की रिवाल्वर और मोबाइल को गांव के बाहर गड्ढ़े में फेंक दिया।
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अभी तक जिया उल हक हत्याकांड को कई अलग-अलग बिंदुओं से देखा जा रहा था। लेकिन सीबीआई की तफ्तीश के बाद पूरी घटना की वास्तविकता सामने आ चुकी है।