घूस का आरोपी लेखपाल सपाइयों की शरण में

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FARRUKHABAD : बेरोजगारी भत्ता व आंगनबाड़ी कार्यकत्री फार्मों को भरने के लिए जहां एक तरफ लेखपालों द्वारा रुपये लेकर धन्ना सेठों के 30 हजार या उससे नीचे के आय प्रमाणपत्र जारी कर दिये गये वहीं गरीब व इसके वास्तविक हकदार मन माफिक घूस न देने पाने से बेरोजगारी भत्ता पाने से बंचित रह जा cruptionरहे हैं। लेखपाल की घूसखोरी से तंग आये शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम पुनपालपुर निवासी कुछ ग्रामीणों ने क्षेत्रीय लेखपाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पुनपालपुर के लगभग एक दर्जन ग्रामीण अपनी अपनी शिकायतें लेकर शनिवार को जिलाधिकारी के जनता दर्शन में पहुंच गये। जिलाधिकारी की जांच की तलवार लेखपाल पर लटकी तो लेखपाल सपाइयों की शरण के लिए खोह तलाशता नजर आया।

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शनिवार को पुनपालपुर निवासी ग्रामीण क्षेत्रीय लेखपाल रामप्रकाश पाण्डेय की घूसखोरी से सम्बंधी लगभग एक दर्जन शिकायतें लेकर डीएम के जनतादर्शन पहुंचे तो डीएम हकीकत जानकर अचम्भित रह गये। ग्रामीणो ने शिकायत की कि गांव की उमा देवी पत्नी भगवान प्रसाद को बीते वर्ष चार सितम्बर को 42 हजार रुपये वार्षिक आय प्रमाणपत्र जारी किया गया लेकिन इसी लेखपाल द्वारा मात्र आठ दिन बाद 12 सितम्बर को मन माफिक रिश्वत लेकर 30 हजार रुपये की इनकम का प्रमाणपत्र जारी कर दिया।

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वहीं ग्रामीणों ने शिकायत की कि लेखपाल द्वारा पुनपालपुर की ही सरिता पुत्री रामनरेश को बीते वर्ष चार सितम्बर को 54 हजार रुपये वार्षिक आय का प्रमाणपत्र जारी किया गया। लेकिन मात्र 14 दिन बाद 19 सितम्बर को रिश्वत लेने के बाद 30 हजार रुपये वार्षिक आय का प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। वहीं सेना से सेवानिवृत्त जवाहर सिंह की पुत्री रमा का प्रमाणपत्र 30 हजार रुपये वार्षिक का बड़े आराम से जारी कर दिया गया।

जिलाधिकारी ने लेखपाल के काले कारनामों की सच्चाई का पर्दाफास करने के लिए लेखपाल रामप्रकाश पाण्डेय के कार्यों की जांच के आदेश दिये हैं। वहीं जांच के आदेश होते ही लेखपाल रामप्रकाश पाण्डेय सत्ता की खोह तलाशने में जुट गये हैं। बताया गया है कि लेखपाल कार्यवाही से बचने के लिए सपाइयों की शरण में पहुंच गये हैं लेकिन घूसखोरी के तथ्य पुख्ता होने से लेखपाल पर कार्यवाही होना तय माना जा रहा है।