FARRUKHABAD : ग्राम जखा स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में किशोर बंदियों के बीच हो रही आये दिन झगड़े की घटनायें रुकने का नाम नहीं ले रहीं हैं। जिससे किशोरों में बाल अपराध घटने की बजाय बढ़ रहा है। शनिवार को कुछ किशोर बंदी आपस में इस कदर भिड़ गये कि एक दूसरे का सिर फोड़ने तक पर आमादा हो गये। वहीं जब इसकी जानकारी जेल अधीक्षक से की गयी तो उन्होंने इस घटना को सामान्य बात बताते हुए टाल दिया।
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किशोर बंदी गृह में किशोरों के बीच झगड़ा, मारपीट, खून खराबा होना अब आम बात हो गयी है। बीते एक वर्ष का यदि रिकार्ड खंगाला जाये तो एक दर्जन के लगभग झगड़े व फसाद इन किशोर बंदियों के बीच सामने आ रहे हैं। 30 जनवरी 2012 को सुरक्षा व्यवस्था लचर होने से 7 किशोर बंदी जंगले की सरिया तोड़कर फरार हो गये। 31 जनवरी को जिनमें से एक किशोरबंदी मिल गया। जिसे पुन: जेल में डाल दिया गया। 4 जुलाई 2012 को एक किशोर बंदी का नेकर उतारने को लेकर बंदियों के दो पक्षों में जमकर ब्लेड चले। जिससे कई किशोर घायल हो गये। इस सम्बंध में जेएनआई ने नेकर उतारने को लेकर जखा जेल में बंदियों में चले ब्लेड के नाम से प्रकाशित किया था। वहीं 22 अक्टूबर को भी कुछ किशोर बंदियों ने महज इस बात से भूख हड़ताल की थी कि उन्हें दबंग किशोर बंदी लगातार परेशान कर रहे थे। उस समय भी जेएनआई ने जखा जेल में दबंगई से क्षुब्द किशोर बंदियों ने की भूख हड़ताल के नाम से समाचार 22 अक्टूबर को ही प्रकाशित किया था।
आये दिन हो रहीं मारपीट व गुन्डागीरी की घटनायें जेल प्रशासन पर भी उंगली उठा रहीं हैं। किशोर बंदियों के सुधार गृह में ही अपराध को बढ़ावा दिया जाना चिंता का विषय है। सूत्रों के मुताबिक शनिवार को किशोर बंदियों में जमकर मारपीट हुई। जिसमें घायल 18 वर्षीय सागर राठौर पुत्र रामसेवक को लोहिया अस्पताल में इलाज के लिए होमगार्ड श्याम सिंह व सन्तोष कुमार लेकर पहुंचे। जहां उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। लेकिन जब इस सम्बंध में जेल अधीक्षक से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि इस तरह की घटना जेल में होना सामान्य बात है।
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