अपनी ही बंदूक की गोली से मरा था प्रधान का भाई, बेटे ने की सीओ की हत्‍या

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लखनऊ : तिहरे हत्याकांड के खुलासे के लिए जब सीबीआइ ने हेल्पलाइन और ईमेल आइडी जारी करके ग्रामीणों से मदद मांगी थी, उसी के बाद बलीपुर गांव स्थित एक पेड़ पर पत्र चिपका मिला था। जिसमें यह बताया गया था कि सीओ पर बट से हमला करने के दौरान फायर होने पर अपनी ही बंदूक की गोली से सुरेश मारा गया था। इसके बाद प्रधान के परिजनों ने सीओ पर हमला बोल दिया था और प्रधान के बेटे बबलू ने सीओ की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

CO Kunda Zia ul haqसीओ समेत तिहरे हत्याकांड को खोलने में सीबीआइ टीम को भले ही 37 दिन लग गए हो, लेकिन पहले ही दिन से सीबीआइ ने भगोड़े पुलिस कर्मियों से काफी कुछ हासिल कर लिया था। बस घटनाक्रम का तार जोड़ने और साक्ष्य जुटाने के लिए सीबीआइ की जांच इतने लंबे समय चली। हथिगवां थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव में प्रधान नन्हे यादव, उनके भाई सुरेश यादव और सीओ जियाउल हक हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम ने डीआइजी अनुराग गर्ग की अगुवाई में 8 मार्च को यहां डेरा डाल दिया। प्रारंभिक दौर में भगोड़े पुलिस कर्मियों निलंबित कोतवाल सर्वेश मिश्र, एसओ मनोज शुक्ला, एसएसआइ विनय सिंह, गनर इमरान समेत अन्य की पूछताछ में सीबीआइ को यह जानकारी हो गई थी कि सुरेश और सीओ की हत्या कैसे हुई। इसमें अहम जानकारी हासिल हुई थी सर्वेश मिश्र से।

बस इस घटनाक्रम को जोड़ने और हत्या में प्रयुक्त असलहा, सीओ की लूटी गई पिस्टल, मोबाइल बरामद करने के साथ ही प्रत्यक्षदर्शियों से हर बात सीबीआइ तस्दीक करना चाहती थी। पुलिस कर्मियों से पूछताछ के बाद घटनास्थल पर मौजूद रहे नन्हे गौतम, राजा भैया के करीबी नन्हे सिंह, नगर पंचायत गुलशन यादव, जिला पंचायत सदस्य घनश्याम यादव, प्रतिनिधि हरिओम श्रीवास्तव, रोहित सिंह, एमएलसी गोपालजी, बाबागंज विधायक विनोद सरोज, सपा उपाध्यक्ष छविनाथ यादव समेत सैकेड़ों ग्रामीणों, प्रधान की हत्या के आरोपियों और प्रधान के परिजनों से सीबीआइ ने कई चक्र में पूछताछ की।

सीबीआइ का शिकंजा प्रधान के परिजनों पर उसी समय से कसने लगा था, जब उनके असलहों (राइफल, पिस्टल, बंदूक) से फायर होने की पुष्टि फोरेंसिक व बैलेस्टिक रिपोर्ट में हो गई थी। इसी के बाद मिले प्रधान के बेटे बबलू से पूछताछ के दौरान सीबीआइ ने बलीपुर चौराहे के पास स्थित पानी के गढ्डे से सीओ की लूटी गई पिस्टल (मैगजीन समेत), प्रधान को मारी गई गोली का तीन खोखा बरामद कर लिया था।

इसके बाद सीबीआइ ने घटनाक्रम के अनुसार हत्याओं का राज खोलने का प्रयास शुरू किया। इसी कड़ी में प्रधान की हत्या के चश्मदीद चाय दुकानदार चोखे से पूछताछ के बाद सीबीआइ ने कामता के दोनों बेटों अजय व विजय को गिरफ्तार करके हत्या में प्रयुक्त पिस्टल बाघराय इलाके से बरामद कर लिया। कोर्ट से रिमांड पर लेने के बाद सीबीआइ ने प्रधान की हत्या में प्रयुक्त बाइक भी बरामद कर लिया।

इसके बाद सीबीआइ की पूरी जांच प्रधान के परिजनों के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गई। हालांकि सीबीआइ के कसते शिकंजे को देख उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्रधान के परिजन अनशन पर बैठ गए थे। इस सब की परवाह किए बिना सीबीआइ ने सीओ की हत्या के आरोप में प्रधान के बेटे बबलू, भाई फूलचंद्र व पवन, नौकर को गिरफ्तार करके सीओ का मोबाइल भी बरामद कर लिया।