लखनऊ: यूपी में सपा सरकार ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा लाल बत्ती वाली सरकारी खर्चे पर दौड़ने वाली कारे अब तक राजमंत्री का दर्ज देकर बाट दी है| निगमों और बोर्डो के अध्यक्षों को ये सरकारी (जनता के पैसे) खर्चे से चलने वाली चार सपा का प्रचार करने, निजी जनसम्पर्क करने और यू पी सपा के पक्ष में महाल बनाने के काम आ रही है| होली मिलन, उद्घाटन, ब्याह बरात और मातम पुरसी में रिश्तेदारों के यहाँ जाने के लिए नेताजी की कृपा पर मिली सरकारी खूब काम आ रही है| अधिकाश महानुभाव जो लाल बत्ती पर बैठने के बाद माननीय हो गए है को अपने अपने विभागों के कम काजो के बारे में कुछ ज्यादा नहीं मालूम| ऐसा पहली बार नहीं हुआ है| पिछली बसपा सरकार में भी यही होता रहा है| जनता के पैसे का दुरूपयोग पर सवाल करने वाला कोई नहीं क्योंकि इनके बाद जो भी आएगा उसे भी ऐसे ही जनता का धन लूटना है|
उत्तर प्रदेश की सरकार ने गुरुवार को सत्तारुढ़ दल से जुड़े छह लोगों को निगम-अकादमी में अध्यक्ष और सलाहकार बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। लालबत्ती पाने वालों में समाजवादी महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष लीलावती कुशवाहा और समाजवादी छात्रसभा के अध्यक्ष रह चुके रामवृक्ष यादव भी हैं।
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फैजाबाद की लीलावती कुशवाहा को महिला कल्याण निगम का अध्यक्ष बनाया गया है। इलाहाबाद के रहने वाले रामवृक्ष यादव खेलकूद विभाग के सलाहकार बनाए गए हैं। पूर्व मंत्री चौधरी वीरेन्द्र सिंह को उत्तर प्रदेश गन्ना और बीज विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है। वह मुजफ्फरनगर निवासी हैं। वाराणसी की रीबू श्रीवास्तव को महिला कल्याण विभाग में सलाहकार बनाया गया है। कानपुर के डा. सुनील जोगी को इलाहाबाद स्थित हिन्दुस्तानी अकादमी का अध्यक्ष बनाया गया है। अंबेडकर नगर की विद्यावती राजभर को महिलाओं के लिए गठित सलाहकार समिति का अध्यक्ष नामित किया गया है। इन सभी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है।
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