फर्रुखाबाद- शासन और डीएम के लाख प्रयासों के बावजूद जिला पूर्ति अधिकारी की कार्यप्रणाली में कोई सुधार होना तो दूर उल्टी आम जनता के प्रति उनकी दबंगई में दिनों-दिन इजाफा होता नजर आ रहा है। अब इसे उनकी हठधर्मी कहें या उनके कार्यालय में कार्यरत एक चर्चित बाबू की मनमानी। स्थिति यह है कि अब तो डीएसओ कार्यालय तहसील दिवस के इंटरनेट पर लोड प्रार्थनापत्रों तक के निस्तारण में फर्जीवाड़ा करने लगा है। निहायत बेशर्मी के साथ प्रार्थनापत्रों के फर्जी निस्तारण वेबसाइट पर लोड किये जा रहे हैं।
विदित है कि शासन की ओर से तहसील दिवस शिकायत प्रणाली को आनलाइन करने का निर्णय इस लिये किया था, कि जिससे फरियादी को घर बैठे अपने प्रार्थना पत्र के निस्तारण की प्रमाणिक जानकारी मिल जाये व समय-समय पर उच्चाधिकारी भी शिकायतों के निस्तारण की क्रास-चेकिंग कर सकें। अब इसे सत्ता में पहुंच का नशा कहें या अपने कार्यालय के एक चर्चित बाबू पर अत्यधिक निर्भरता, कि डीएसएओ गुलाब चंद्र यादव तहसील दिवस पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण में साफ नजर आने वाला फर्जीवाड़ा करने तक में नहीं हिचकिचा रहे हैं।
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तहसील दिवस पर ग्राम बहोरिकपुर निवासी रामकृपाल ने अपने आवेदन संख्या 2931200631 में शिकायत की थी कि उसके बीपीएल राशन कार्ड संख्या 63088 में उसके परिवार के सदस्यों के स्थान पर अन्य लोगों के नाम भरे हुए हैं। जिनको सही करके इंटरनेट पर दर्ज कराने की कृपा करें। जिला पूर्ति अधिकारी ने निस्तारण में लिखा कि “आवेदक की मांग के अनुसार छूटे हुए परिवार के सदस्यों के नाम कम्प्यूटर में फीड कर दिये गये हैं। आवेदक की समस्या का समाधान हो गया है। ये निस्तारण आख्या विगत 22 नवम्बर 2012 की है। परन्तु आज तक रामकृपाल के परिवार के लोगों (पत्नी विमलादेवी, पुत्री दीपा, मनीशा व प्रियंका) के नाम उसके राशनकार्ड में दर्ज नहीं है। जिसका सत्यापन खाद्य एवं रशद विभाग की बेबसाइट पर उपलब्ध राशनकार्ड के कम्प्यूटर क्रमांक 202920018228 से किया जा सकता है। इसके बावजूद जेएनआई ने तहसील दिवस आवेदन पर उपलब्ध रामकृपाल के मोबाइल नम्बर पर बात करके भी इस विषय में जानकारी की तो पता चला कि उसकी शिकायत का निस्तारण वास्तव में आज तक नहीं हुआ है।
ऐसा ही कुछ मामला ग्राम बरौन निवासी आत्माराम का है। उसके राशनकार्ड में उसकी पुत्री देवी श्री का नाम फीड नहीं था। इसके लिए जिसके कारण उसकी पुत्री को विभिन्न सरकारी योजनाओ का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आत्माराम ने विगत 5 फरवरी को तहसील दिवस पर प्रार्थनापत्र संख्या 2931300112 दिया था। जिला पूर्ति अधिकारी ने 21 फरवरी को इसका निस्तारण कर दिया। निस्तारण आख्या में उन्होंने लिखा कि ” प्रार्थी की पुत्री देवी श्री का नाम जो कम्प्यूटर में फीड नहीं था उसको फीड करवा दिया गया है। समस्या का समाधान हो गया है।” परन्तु आत्माराम के राशनकार्ड संख्या 32982 जिसका विवरण खाद्य एव रसद विभाग की बेबसाइट के कम्प्यूटर क्रमांक 202930016496 पर दर्ज है। उसमें आज तक देवी श्री का नाम नदारद है।
कबीरनगर मोहम्मदाबाद के कश्मीर सिंह द्वारा दिये गये तहसील दिवस आवेदन संख्या 2931200363 का अंजाम भी कुछ अलग नहीं है। कश्मीर सिंह ने फरियाद की थी कि राशनकार्ड में उसके पुत्र राजेश का नाम मंजेश अंकित है। राशनकार्ड में सही विवरण अंकित करने की कृपा करें। जिला पूर्ति अधिकारी की तहसील दिवस बेबसाइट पर उपलब्ध निस्तारण आख्या में कहा गया है कि ” श्री कश्मीर सिंह पुत्र दाताराम के बीपीएल कार्ड में पुत्र राजेश के स्थान पर सही नाम मंजेश कम्प्यूटर में फीड कर दिया गया है। ” परन्तु कश्मीर के बीपीएल राशनकार्ड संख्या 48728 जिसका कि खाद्य एवं रसद विभाग की बेबसाइट के कम्प्यूटर क्रमांक 102920001072 पर जो विवरण दर्ज है उसमें आज भी कश्मीर सिंह के पुत्र का नाम राजेश ही अंकित है।
यह तीन उदाहरण तो केवल बानगी मात्र हैं। यदि जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय द्वारा तहसील दिवस आवेदनों के निस्तारण का पुन: परीक्षण किया जाये तो ऐसे न जाने कितने मामले आयेंगे। परन्तु जिला जिला पूर्ति अधिकारी लगातार जिला प्रशासन और जनता की आंखों में धूल झोंकने में कदापि हिचकिचा नहीं रहे हैं।