प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्‍यक्ष ने लगायी 30 हजार करोड़ की चपत

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन के विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन राजेश कुमार अवस्थी ने  बिजली की खरीद में तीस हजार करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया।  इस घोटाले के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच कर रही है। अपने कार्यकाल के दौरान अवस्थी ने अपने पद व अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए जेपी पॉवर वेंचर लिमिटेड को सीधे तौर पर तीस हजार करोड रुपए का लाभ और प्रदेश के सरकारी खजाने को एक बड़ा नुकसान पहुंचाया। बारा और करछना पॉवर प्लांटों से यूपी पॉवर कार्पोरेशन द्वारा खरीदी जाने वाली बिजली की करार से ज्यादा दर पर मिले भुगतान के रूप में जेपी पॉवर को यह लाभ मिला ।

GHOTALAदरसल यूपी पॉवर कार्पोरेशन ने वर्ष 2008 में जेपी पॉवर के इन दोनों प्लांटों से बिजली खरीदने के लिए करार किया था। इस करार के मुताबिक पॉवर कार्पोरेशन को खरीदी गई बिजली की कीमत 2.60 रुपए प्रति यूनिट व 2.59 रुपए प्रति यूनिट की दर से चुकानी थी। लेकिन राजेश कुमार अवस्थी ने आयोग का अध्यक्ष बनने के बाद इन दरों को अपने स्तर से 50 पैसा प्रति यूनिट तक बढ़ा दिया। इसके बाद जेपी ग्रुप को 3.02 रुपए प्रति यूनिट व 2.92 रुपए प्रति यूनिट की नई दर से बिजली की कीमत चुकाई गई। हालांकि आयोग के अन्य सदस्यों ने उनके इस फैसले पर विरोध भी जताया लेकिन तात्कालिक सरकार में अवस्थी के रसूख के आगे पूरा आयोग बौना नजर आया। इतना ही नहीं उनके इस फैसले का विरोध करने वाले आयोग के एक सदस्य और पॉवर कर्पोरेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी को इस विरोध के लिए अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए नौकरी से सेवानिवृत(बीआरएस) कर दिया गया।

राजेश कुमार अवस्थी और जेपी ग्रुप की मिलीभगत से यूपी सरकार के खजाने को पहुंचाए गए तीस हजार करोड़ के नुकसान की कहानी पूरी तरह से पूर्वनियोजित सी नजर आती है। एनटीपीसी में बतौर सिविल इंजीनियर डीजीएम के पद पर कार्यरत राजेश कुमार अवस्थी कभी एक सामान्य इंजीनियर हुआ करते थे। वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में हुए परिर्वतन के साथ ही राजेश के ग्रहों ने भी करवट ली और 17 नवंबर 2008 में उन्होंने जेपी पॉवर वेंचर में बतौर वाइस प्रेसीडेंट नौकरी ज्वाइन की। अवस्थी को नई नौकरी में आए अभी मात्र 41 दिन ही बीते थे कि उनका चयन यूपी विद्युत नियामक आयोग में चेयरमैन के तौर पर हो गया। अवस्थी की इस उपलब्धी का श्रेय जाता था उनके रिश्तेदार और बसपा सरकार के ताकतवर नेता को, जिनकी मेहरबानियों के चलते आयोग के चेयरमैन पद के लिए संवैधानिक तौर पर अयोग्य अवस्थी को यह कुर्सी मिली। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि अवस्थी के पास ऐसी कोई योग्यता नहीं थी जिसके लिए उन्हें इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी दी जाती लेकिन सरकार में कद्दावर नेता के तौर पर पहचान रखने वाले उनके रिश्तेदार की एक सिफारिश ने उन्हें इस कुर्सी तक पहुंचा दिया।

विद्युत नियामक आयोग के सर्वोच्च पद पर बैठते ही राजेश अवस्थी ने उस आदेश पर हस्ताक्षर किए जिसमें बारा और करछना पॉवर प्लांट से की जाने वाली बिजली की प्रतियूनिट कीमत बढ़ाई जानी थी। बतौर चेयरमैन अवस्थी ने यह भी जानने की कोशिश नहीं की कि जेपी ग्रुप के लिए निर्धारित की जाने वाली प्रति यूनिट कीमत लानको और रिलायंस द्वारा कोट की गई क्रमश: 2.60 रुपए व 2.59 रुपए से करीब 50 पैसा प्रति यूनिट अधिक है। इन दोनों कंपनियों द्वारा करछना प्लांट के लिए कोट की गई प्रति यूनिट कीमतों को पॉवर कार्पोरेशन ने मंहगा बताकर अस्वीकार कर दिया था।

हाई कोर्ट ने भी इस घोटाले में राजेश अवस्थी की योग्यता को देखते हुए विद्युत आयोग के चेयरमैन के तौर पर उनके चयन को संवैधानिक तौर पर गलत करार दिया है। इतना ही नहीं अदालत ने पाया है कि इस पूरे घोटाले में राजेश अवस्थी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उनके द्वारा एनटीपीसी की नौकरी छोडऩा और फिर 41 दिनों के अल्पकार्यकाल के लिए जेपी पॉवर में बतौर वाइस प्रेसीडेंट नौकरी करने के बाद सीधे आयोग का चेयरमैन बन कर जेपी ग्रुप को उपक्रत करना किसी पूर्वनियोजित षड्यंत्र की तरह ही है। जिसके लिए अवस्थी ने संवैधानिक तौर आयोग के सर्वोच्च पद के अधिकारों का गलत प्रयोग किया और अपने कर्तव्य का पालन न करते हुए राजस्व को हजारों करोड़ की हानि भी पहुंचाई। फिलहाल इस मामले की सीबीआई जांच के लिए मामला विचाराधीन है।

आपको यह जानकर अश्चर्य होगा कि जिस उत्तर प्रदेश की जनता के सामने बिजली संकट पर सरकार तरह तरह के बहाने बनाती है| उसी प्रदेश के पॉवर कार्पोरेशन में हजारों करोड़ के घोटालों को अंजाम दिया जाता है। यूपी पॉवर कार्पोरेशन में कई दर्जन ऐसे घोटाले दबे पड़े है जिन्होंने इस विभाग को सबसे भ्रष्टाचारियों के अड्डे के रूप में बदल दिया है। पर्दाफाश के पास पॉवर कार्पोरेशन से जुड़े करीब एक लाख करोड़ रुपए के घोटालों की सूचि है। जिसे हम अपने अगली खबरों के माध्यम से अपने पाठकों के सामने लाएंगे। साथ ही बेनकाब करेंगे जेपी पॉवर वेंचर लिमिटिड और राजेश अवस्थी जैसे कुछ और भ्रष्टाचारियों के चहरे।

…पर्दाफाश