नई दिल्ली । होली के दिन जब पूरा देश रंगों के जश्न में मस्त था और अपने परिवारजनों , मित्रों के साथ गुझिया और तरह-तरह के पकवानों का मजा ले रहा था वहीं एक शख्स ऐसा भी था जिसने पकवान तो दूर अपने मुंह में अन्न का एक दाना भी नहीं डाला था। जी हां सामाजिक कार्यकर्ता व आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल दिल्ली वासियों को उचित दामों पर बिजली और पानी मुहैया कराने के लिए अनशन की जंग लड़ रहे। अरविन्द पिछले छह दिन से अनशन पर है आज 7 वां दिन है ।
राजधानी में बिजली की कीमतें बढ़ाने और भारी भरकम कीमतों पर बिक रहे पानी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल अनशन पर बैठे हुए हैं। उन्होंने अनशन के दौरान दिल्लीवासियों से अपील की है कि वो इस महीने का बिजली और पानी का बिल नहीं भरें, क्योंकि जब तक जनता पैसा देती रहेगी, तब तक सरकार और निजी कंपनियों की मिलीभगत से लोग बेवकूफ बनते रहेंगे। केजरीवाल के स्वास्थ्य की बात करें तो फिलहाल हालत स्थिर है, लेकिन कभी भी बिगड़ सकती है, क्योंकि उनका ब्लड शुगर तेजी से गिर रहा है। हालांकि डॉक्टर उनके स्वास्थ्य पर नजरें बनाये हुए हैं।
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मीडिया ने जब केजरीवाल से पूछा कि उनके अनशन पर किसी भी राजनीतिक पार्टी की अभी कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आयी है। इस पर केजरीवाल ने कहा, “मुझे राजनीतिक पार्टियों से कोई लेना-देना नहीं। हमने अपनी पार्टी का गठन करते वक्त कहा था कि अब राजनीति करने के तरीकों में बदलाव आयेगा। लिहाजा कांग्रेस-भाजपा की राजनीति पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जान है, तब तक लड़ता रहूंगा। देश के लिये मर मिटना सौभाग्य की बात होती है।
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