रामचन्द्र की समाधि पर दूर दराज से आये श्रद्धालु समागम में उमड़े

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फर्रुखाबाद : सूफी संत महात्मा रामचन्द्र की समाधि पर लगने वाला सालाना जलसा आज गुडफ्राइडे से शुरू हो गया है। नक्सवंदिया सिलसिले के महान सूफी संत महात्मा रामचन्द्र जी महाराज के शुक्रवार से शुरू हुए 88वें सालाना जलसे में शिरकत करने हेतु देश भर से सूफी संतों व उनके अनुयायियों का पहुंचना शुरू हो गया है। ramchandra samadhi sthal1ramchandra samadhi sthal तसव्वुफ के माहौल में हर ओर भक्तिपूर्ण माहौल है। लोग खामोशी के साथ आंखें मूंदे ध्यान में मग्न हैं। बस यूं लगता है कि ” महरूमें हकीकत हैं, सहिल के तमाशाई, हम डूब के समझे हैं, समंदर की गहराई”।ramchandra
देश के चार बड़े सिलसिले में से एक नक्सबंदिया सिलसिले के 35वें गुरू महात्मा रामचन्द्र जी का जन्म 1837 में भोगांव में हुआ था। उन्होंने सिलसिले के 34वें गुरू फजल अहमद से दीक्षा ली। बाद में रामचन्द्र जी को उनके गुरु ने ही 35वां गुरू घोषित किया। महात्मा जी ने फतेहगढ़ में अपनी साधना शुरू की। उनके अनुयायी पूरे देश से यहां दीक्षा लेने पहुंचने लगे। आज भी वर्ष भर उनकी नवदिया स्थित समाधि व तलैयालेन स्थित उनके पैतृक निवास लाल जी निलयम पर देश भर से सूफी संत व उनके अनुयायी पहुंचते रहते है। आंतरिक अभ्यास व ध्यान योग पर आधारित महात्मा जी की दीक्षा को प्राप्त करते हैं। महात्मा रामचन्द्र जी समाधि परिसर में पहुंचते ही रुहानी ताकत का उत्साह और उमंग भरा एहसास होता है। महात्मा जी के अनेक जादुई भरे करिश्मों को नक्शबंदियों के इतिहास में संकलित करके रखा गया है। महात्मा जी की समाधि परिसर एक तरह से उनके अनुयायियों के लिए पवित्र तीर्थ स्थल बन गयी है। समाधि पर उनके अनुयायी ध्यान मग्न होकर उस ramchandra samadhi sthal2निरंकार ब्रह्म की शक्ति के अनुभव का दावा करते हैं। जिससे समूची सृष्टि का संचालन होता है।
धर्म, जाति, वर्ग, सम्प्रदाय की दीवारें इस समाधि परिसर के भीतर आकर टूट जाती हैं। महात्मा रामचन्द्र की पद्धति का मुख्य उद्देश्य था अपने को भूलकर ईश्वर से जुड़ें इस हेतु उन्होंने जो पद्धति बतायी वही अतिरिक्त अभ्यास और ध्यान योग पर आधारित है। सर्व धर्म के लोगों की इबादतगाह बन चुकी समाधि परिसर में प्रति वर्ष गुड फ्राइडे को सालाना जलसे का आयोजन महात्मा जी ने अपने जीते-जी ही शुरू कर दिया था। जिसकी परम्परा को उनके अनुयायी आज भी कायम रखे हुए हैं।
महात्मा रामचन्द्र के पौत्र दिनेश कुमार सक्सेना द्वारा आध्यात्मिक साधना पर आंतरिक अभ्यास व ध्यान का प्रशिक्षण महात्मा जी के तलैया लेन स्थित लाल जी निलयम का प्रतिदिन दिया जा रहा है। गुडफ्राइडे को संत रामचन्द्र की समाधि पर धूमधाम से सालाना जलसे का आयोजन किया जा रहा है।