दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली से 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले अरबपति बीएसपी नेता दीपक भारद्वाज की मंगलवार को गोली मार कर हत्या कर दी गई। घटना भारद्वाज के फार्म हाउस पर सुबह 9.30 बजे की है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार भारद्वाज की हत्या करने वाले अज्ञात हमलावर एक काली कार में सवार हो कर आए थे। हत्यारों ने भारद्वाज को रिवॉल्वर से तीन गोलियां मारी और इस बीच उन्हें बचाने आए गार्ड को भी गोली मार दी। हमलावरों की गाड़ी का नम्बर भी पुलिस को मिला है लेकिन यह नम्बर सही या फर्जी फिलहाल इसकी जांच की जा रही है। फार्म हाउस के स्टाफ से पूछताछ की जा रही है।
होटल,स्कूल और रीयल स्टेट कारोबार से जुड़े भारद्वाज की प्रोपट्री 3 से 4 हजार करोड़ रूपए की बताई जाती है। उनकी हत्या के पीछे राजनीति कम और कारोबारी रंजिश को अधिक माना जा रहा है। भारद्वाज के इसी फार्म हाउस पर उनकी हरिद्वार में चल रही हाउसिंग स्कीम की बुकिंग पर की जा रही थी। भारद्वाज ने पश्चिमी दिल्ली से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था उस समय उन्होंने अपनी प्रोपर्टी 600 करोड़ रूपए बताई थी।
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साउथ दिल्ली के रजोकरी इलाके में एक बड़े प्रॉपर्टी कारोबारी और 2009 में बीएसपी के टिकट पर दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ चुके दीपक भारद्वाज की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। काली स्कोडा कार में आए 3 हमलावर उनके फार्महाउस में घुसे और तीन गोलियां मारकर फरार हो गए। मामला आपसी रंजिश का बताया जा रहा है। पुलिस इलाके की घेराबंदी कर हत्यारों की खोज कर रही है। हमलावरों ने गेट पर गार्ड से शादी के लिए फार्महाउस बुक कराने की बात कही। अंदर पहुंचने के बाद उन लोगों ने गार्ड से दीपक भारद्वाज के बारे में पूछताछ की। जैसे ही पता चला कि दीपक भारद्वाज वहीं मौजूद हैं, उन लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। गंभीर रूप से घायल दीपक को तुरंत पास के फोर्टिस अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गई है। पूरे इलाके में बैरिकेड्स लगाकर सघन छानबीन की जा रही है। हत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। हालांकि, इसके पीछे प्रॉपर्टी विवाद को कारण बताया जा रहा है। पलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से कुछ सुराग मिले हैं।
गौरतलब है कि 2009 में लोकसभा चुनाव दीपक भारद्वाज ने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लड़ा था और देश के सबसे रईस उम्मीदवार के रूप में इन्हें प्रसिद्धी मिली थी। उन्होंने चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में अपनी संपत्ति 600 करोड़ रुपये बताई थी।
एक मामूली स्टेनोग्राफर के रूप में करियर की शुरुआत करने वाले दीपक भारद्वाज की गिनती देश के सबसे अमीर नेताओं में होती थी। करीब 30 साल के अंदर उन्होंने 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जुटा ली। इस मुकाम तक पहुंचाने में मेहनत के साथ-साथ उनकी जमीन ने भी बेहद अहम रोल अदा किया है। एक बार दौरान खुद दीपक भारद्वाज ने कहा था कि करीब 30 साल पहले मैंने तीस हजारी में बतौर स्टेनोग्राफर काम शुरू किया था। भारद्वाज के मुताबिक उनके अधिकतर स्कूल के साथी आईएएस और आईपीएस बन गए थे, लिहाजा उन्हें अंदर ही अंदर जलन होती रहती थी। कुछ समय बाद उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और प्रॉपर्टी कारोबार में कूद गए।
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इस बीच उनके पिता की जमीन और ससुर की जमीन का अधिग्रहण पालम एयरपोर्ट के लिए हो गया। इसके अलावा द्वारका, अंबरहाई, पोहचनपुर, भरथल और शाहबाद जैसे गांवों में उनकी जमीन थी। कुछ जमीन एनएच-8 के पास थी। इन जमीनों का अधिग्रहण आवासीय कॉलोनी और हाईवे के लिए कर लिया गया, जिससे उन्हें काफी मुआवजा मिला। इन पैसों को उन्होंने होटेल और प्रॉपर्टी कारोबार में लगाना शुरू कर दिया। जमीन के इसी कारोबार की बदौलत दीपक भारद्वाज भी खासे अमीर हो गए। अभी हरिद्वार, दिल्ली, गुड़गांव रोड, मसूरी में उनका होटेल का बिजनस है। तमाम तरह की आवासीय और कमर्शल योजनाएं भी चल रही हैं।