फर्रुखाबाद: मुलायम और अखिलेश दिल्ली और लखनऊ में बैठ कर भले ही अनुशासन और कानून व्यवस्था की दुहाई देते रहें, परंतु धरातल पर सपाईयों को शायद सपा सरकार के आंधी के बेर और अंतिम अवसर होने का विश्वास हो गया है। यही कारण है कि न तो जिला प्रशासन अपना रुख कड़ा कर पा रहा है और न ही निचले स्तर के सपाइयों पर कोई लगाम लग पा रही है। अभी कुंडा में एक मुस्लिम सीओ की हत्या का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा है कि सोमवार को मंहगे एसयूवी वाहनों पर सवार कुछ सपाइयों ने जिला नगरीय विकास अभिकरण (पीओ-डूडा) के परियोजना अधिकारी जेडए खान के आफीसर्स कालोनी स्थित आवास पर धावा बोल दिया। यह अलग बात है कि भुक्तभोगी अधिकारी पीओ-डूडा, अपनी जुबान से वार्तालाप के उन अंशों को शब्दश: भले ही न दोहरा सकें, परंतु वर्तमान राजनैतिक परिस्थिति में आगंतुकों ने एक बी-क्लास अधिकारी से वार्ता में किन विशेषणों का उपयोग किया होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। बताते हैं कि डूडा में कुछ काम आने वाले हैं। इसकी भनक सपाइयों को लग गयी है। बताते हैं कि लखनऊ से किसी की चिट्ठी भी डीएम के नाम लिखा लाये हैं, परंतु मूल काम तो पीओ का ही है।
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सोमवार को प्रात: फतेहगढ़ स्थित आफीसर्स कालोनी में अचानक कुछ मंहगे एसयूवी वाहन आकर रुके, उनमें से कुछ सफेद कुर्ता धारी उतरे और यहां स्थित पीओ-डूडा जेडए खान के आवास के दरवाजे भड़भड़ा दिये। दरवाजा खुला तो दंभपूर्ण अधिकार के साथ एक सपा नेता के नाम के संदर्भ के साथ अपने आने की सूचना दी गयी। सत्ता की हनक से प्रभावित मेजबान ने प्रयोजन पूछा तो पहले तो उस पर बसपाई होने और विभाग को पाकिस्तान बना देने के आरोप जड़े। फिर बेचारे अधिकारी को प्रदेश में सपा की सरकार होने की सूचना दी और अब उनके अनुसार चलने के निर्देश दिये। बताया कि विभाग में जो काम आने को हैं, उनकी सूचना हमको है। बताया कि लखनऊ से डीएम के लिये चिट्ठी भी ले आये हैं। सीधे डीएम के पास चलो और काम हम को आबंटित कर दो। इस बार किसी सजातीय को काम न दे देना। बहुत हो चुका है। अब हमारे हिसाब से काम करना पड़ेगा। अधिकारी ने किसी प्रकार आश्वासन देकर पीछा छुड़ाया। प्रदेश की राजनैतिक-प्रशासनिक स्थिति को देखते हुए बेचारे में इतनी हिम्मत तो थी नहीं कि इसकी शिकायत करता। और फिर करता भी तो किस से करता। जिनसे कर सकता था उनकी कार्रवाई की शैली डीआईओएस और डीएसओ की दुर्गत के बाद किसी से छिपी नहीं थी। सो बेचारे भुक्त भोगी अधिकारी ने मोबाइल स्विच-आफ किया और होली की छुट्टी को गनीमत मान कर जनपद से निकल लिया। परंतु धावा बोलने गये सपाइयों में से ही एक ने सूचना मीडिया में लीक कर दी।
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