होली पर अपनी त्वचा की कोमलता और निखार की रक्षा कुछ यूं करें

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Holiहोली अगले सप्ताह है, और फिजा में उत्‍साह के रंग बिखरने लगे हैं! सुंदर रंग, पानी की बंदूकें, रंग और पानी भरे गुब्‍बारे और ठंडाई से भरे गिलास। मित्रों और परिवार के साथ बाहर उल्लास में कृत्रिम रंग, रंग, कांच का पाउडर, एसिड और स्थानीय रंग में भारी धातुएं आपके बाल और त्वचा के लिये तबाही का कारण बन सकते हैं। कभी कभी तो यह नुकसान इतना भयावह होता है कि हफ्तों महीनों लग जाते हैं ठीक होने में। लेकिन पुरानी कहावत है, रोकथाम इलाज से बेहतर है। तो बस कुछ बातें ध्‍यान में रखें और मजे से मनायें एक सुरक्षित और खुशी से भरपूर होली।

बाहर जाने और रंगों के साथ खेलने से कम से कम 10 मिनट पहले सनस्क्रीन और समृद्ध मोआइस्‍चराजर चेहरे व खुली त्‍वचा पर जरूर लगायें।  जैतून का तेल, नारियल तेल, बादाम का तेल या सरसों के तेल को प्रचुर मात्रा में अपने शरीर पर लगायें। इसके अलावा अपने कान, कान और नाखून के पीछे कुछ तेल अवश्‍य लगायें।
अपने सिर के बालों पर अच्छी तरह से नारियल, जैतून या अरंडी के तेल की मालिश साथ बालों को सुलझा कर काढ़ें व बांध लें। तेल बालों को एक सुरक्षा कवच प्रदान करेगा और यह हानिकारक रसायन, धूल और गंदगी से ढाल की तरह बचाव देता है। बाद में रंग आसानी से छुड़ाने में यह आपकी मदद करेगा।

लिपस्‍टिक की एक मोटी कोट के अपने होंठ को कवर करने के लिए उन्हें रंग नुकसान से बचाने के लिये काफी मुफीद रहेगी। होली खेलने के बाद छाया में बैठो, धूप में नहीं बैठना चाहिये।  इससे त्वचा को नुकसान होता है व रंगों को छुड़ाने में भी कठिनाई आती है। बालों से रंग के पूरी तरह से छुटकारा पाने के लिए, 2-3 बार धो लो। शॉवर लेने के बाद शरीर और चेहरे पर मोआइस्‍चराजर लगायें।