लखनऊ: प्रदेश की पुलिस को बेहतर ट्रेनिंग देने को सेना का सहयोग भी लेने का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था के हालात बिगाड़ने में पूर्ववर्ती सरकार की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया।
शुक्रवार को सरकार का 2,21,201.19 करोड़ रुपये का बजट पारित कराते समय अपने संबोधन में अखिलेश ने कहा कि बसपा काल में पुलिस को पार्टी कैडर बना दिया था तब से कार्यप्रणाली अधिक खराब हुई। उस समय जनता में कितनी दहशत थी यह किसी को बताने की जरूरत नहीं। एफआइआर दर्ज कराना भी आसान नहीं था। अखिलेश ने आगरा के बाह थाने की घटना बयां करते हुए बताया कि किसी तरह शिवपाल यादव और खुद उनको भी एफआइआर दर्ज कराने को दो दिन थाने में डेरा डालना पड़ा था। कन्नौज में पूर्व सांसद स्व.कप्तान सिंह यादव व खुद उनके खिलाफ भी छेड़छाड़ व डकैती की तहरीर दे दी थी। उन्होंने कहा पांच साल तक बिगाड़ी व्यवस्था को सुधारने की खातिर समय चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने एक वर्ष के भीतर आए बदलाव का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए बताया कि कानून व्यवस्था सुधरी है। सरकार अकेली है लेकिन उसको घेरने की चारों ओर से प्रयास होते है, इन सब के बावजूद निष्पक्ष व कठोर कार्रवाई की जा रही है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का हर संभव प्रयास हो रहा है। पुलिस की कार्यप्रणाली सुधारने के लिए सेना से सहयोग लेने में पीछे नहीं हटा जाएगा। महिला पुलिस की भर्ती अलग से कराने की योजना है। साइबर क्राइम तेजी से बढ़ने पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी अनिवार्य सेवाओं में स्टाफ की कमी नहीं होने दी जाएगी। लगातार भर्ती प्रक्रिया जारी रखने का फैसला ले लिया गया है। अवैध शराब एवं खनन के कारोबार पर प्रभावी रोक लगेगी। अवैध पशुकटान पर अंकुश लगाने को नगर विकास विभाग अलग से विशेष कानून तैयार कर रहा है। किसानों को राहत देने के लिए गेहूं खरीद का पैसा सीधा किसानों के बैंक खाते में भेजने की योजना है। लापरवाही अधिकारियों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन लंबी अवधि तक चलाने का लाभ सरकार को लाभ मिला है। इससे लोकतांत्रिक परम्परा बहाल होने के साथ ही जनता की समस्याओं का समाधान के अवसर भी बढ़े। उन्होंने सपा के घोषणापत्र के मुताबिक सबको साथ लेकर प्रदेश के सर्वागीण विकास का आश्वासन दिया।
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