भारतीय समाज में पुरुष विवाह से पहले चाहे कितने भी संबंध बना ले लेकिन वह किसी का भी जवाबदेह नहीं होता। वहीं अगर महिला ऐसा कर ले तो यह उसकी सामाजिक-पारिवारिक अवहेलना का कारण बन जाता है और उसका पूरा जीवन एक बुरा सपना बनकर रह जाता है और यह सिर्फ इसीलिए क्योंकि हमारा समाज आज भी शारीरिक संबंधों को अपेक्षाकृत ज्यादा अहमियत देता है।
जबकि ‘वर्जिनिटी की अवधारणा’ पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कुछ लोगों का यह स्पष्ट कहना है कि, उसे वर्तमान हालातों और युवाओं[bannergarden id=”11″] की बदलती मानसिकता को पूरी तरह स्वीकार कर वर्जिनिटी की अवधारणा को ही समाप्त कर देना चाहिए। आज चारो ओर आधुनिकता अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रही है। साथ काम करने और पढ़ने-लिखने के कारण स्त्री-पुरुषों के बीच निकटता बढ़ती जा रही है। अगर ऐसे में उनके बीच किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध विकसित होते हैं तो उन्हें मात्र नैसर्गिक संबंधों की ही तरह देखा जाना चाहिए। इसमें सही और गलत की तो कोई बात ही नहीं है। यह व्यक्तिगत मसला है और इसमें समाज का किसी भी प्रकार का दखल नहीं होना चाहिए। आज जब महिला और पुरुष दोनों ही विवाह पूर्व सेक्स करने से नहीं हिचकते तो ऐसे में अगर महिला विवाह के बाद किसी भी तरह से प्रताड़ित की जाती है तो इसका कारण सिर्फ और सिर्फ हमारी खोखली हो चुकी मानसिकता है, जिसे जल्द से जल्द परिवर्तित कर देना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर परंपराओं और नैतिक सामाजिक मान्यताओं के पक्षधर लोगों का यह मानना है कि अगर विवाह पूर्व शारीरिक संबंधों के क्षेत्र में समाज अपना दखल देना बंद कर देगा तो हालात बद से बदतर होते जाएंगे। वर्जिनिटी की अवधारणा को समाप्त करने का अर्थ है युवाओं को सेक्स की खुली छूट दे देना। उन्हें किसी भी प्रकार की नैतिक जिम्मेदारियों से मुक्त कर देना। अगर हम ऐसा कुछ भी करते हैं तो यह सामाजिक और पारिवारिक ढांचे को पूरी तरह समाप्त कर देगा। कैजुअल सेक्स जैसे संबंध हमारे समाज के लिए कभी भी हितकर नहीं कहे जा सकते, इसीलिए अगर परंपराओं, नैतिकता और मूल्यों को सहेज कर रखना है तो वर्जिनिटी की अवधारणा को भले ही जोर-जबरदस्ती के साथ लेकिन कायम रखना ही होगा।
परंतु कुछ माह पूर्व इंडिया टुडे-नीलसन द्वारा संपन्न एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि “कैजुअल सेक्स की बढ़ती पहुंच के बावजूद आज लगभग 65 प्रतिशत पुरुष अपने लिए कुंवारी (वर्जिन) पत्नी की तलाश कर रहे हैं।” वह ऐसी महिला को अपनी जीवनसंगिनी नहीं बनाना चाहते जिसने विवाह से पहले किसी के साथ सेक्स किया हो। भारतीय युवाओं की मानसिकता और उनकी प्राथमिकताओं को केन्द्र में रखकर किया गया यह सर्वेक्षण वर्तमान हालातों के मद्देनजर विवादास्पद हो गया है। क्योंकि एक ओर जहां वन नाइट स्टैंड और कैजुअल सेक्स का प्रचलन जोरों पर है, वहां “वर्जिन पत्नी” की मांग थोड़ी अटपटी लगती है।