लखनऊ : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानून-व्यवस्था के मसले पर व्यवस्था की बदहाली पर नाराजगी जताई तो समस्या सुनने के बाद उसे दूर करने का भरोसा भी दिया है। उन्होंने पुलिस महकमे को आवश्यकतानुसार आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराने और पुलिस फोर्स की कमी दूर करने के लिए हर साल आरक्षी और उपनिरीक्षकों की भर्ती करने का भी भरोसा दिया। हर साल 40 हजार से अधिक सिपाही भर्ती किये जायेंगे और लगभग डेढ़ हजार उपनिरीक्षक भर्ती होंगे। यह प्रक्रिया चार साल चलेगी।
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पुलिस फोर्स की कमी और रिक्त पदों के संदर्भ में पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि सूबे में पुलिस बल की बड़ी कमी है। इसे दूर करने के लिए मुख्यमंत्री के सामने प्रस्ताव रखा गया। विश्वकर्मा के अनुसार निरीक्षक के 73 प्रतिशत, उप निरीक्षक के 57 प्रतिशत, मुख्य आरक्षी के 82 प्रतिशत और आरक्षी (सिपाही) के 54 प्रतिशत पद रिक्त हैं। सूबे में 210750 सिपाहियों के स्वीकृत पद के सापेक्ष 96416 सिपाही तैनात हैं। प्रस्ताव यह दिया गया कि सिपाही के पद पर हर साल 40459 तथा उस साल जितने सिपाही सेवानिवृत्त हों, उतनी भर्ती की जाय। उप निरीक्षक के पद पर 1518 तथा जितने सेवानिवृत्त हों, उतनी भर्ती लगातार चार साल होगी तो पुलिसबल की कमी दूर हो जायेगी। तय कार्यक्रम के अनुसार पुलिसकर्मियों की प्रोन्नति तथा निर्धारित अवधि में तबादले की प्रक्रिया पर भी विचार किया गया। विश्वकर्मा ने बताया कि हर जोन के लिए मोबाइल फोरेंसिक वैन, फोरेंसिक लैब सेटअप को भी सुधारने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। लखनऊ और आगरा में फोरेंसिक लैब काम कर रहे हैं, जबकि वाराणसी में प्रक्रिया शुरू है। इलाहाबाद, गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद और एनसीआर में भी लैब खोलने का प्रस्ताव है।
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