नई दिल्ली। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई अब दिल्ली में लड़ी जाएगी। इस सिलसिले में केंद्र पर दबाव डालने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दिल्ली में अधिकार रैली करेंगे। रैली को कामयाब बनाने के लिए जेडीयू ने पूरी ताकत झोंक दी है। लोकसभा चुनाव से पहले नितीश के इस सियासी दांव को मास्टर स्ट्रोक की तरह देखा जा रहा है। दिल्ली के रामलीला मैदान में नितीश बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की हुंकार भरेंगे। रैली को नाम दिया गया है अधिकार रैली का जिसमें हज़ारों लोगों की मौजूदगी का दावा कर रही जेडीयू इंतजाम में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। बिहार सरकार में जेडीयू के मंत्री तैयारियों पर लगातार नजर रखे हुए हैं। बिहार के अधिकार की बात करने वाली इस रैली की तैयारी में हर तरफ नीतीश ही छाये हुए हैं।
पिछले कुछ महीनों में बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते कई बार बने-बिगड़े हैं। ऐसे में नीतीश के एकला चलो की नीति से बीजेपी खुद को ठगा महसूस कर रही है। लेकिन दिल की बात जुबां तक नहीं लाना चाहती। काफी दिनों से बिहार तक सीमित रहने वाले नितीश की दिल्ली में इस रैली के कई सियासी मायने हैं। बिहार को विशेष राज्य की नीतीश की मांग का वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने बजट भाषण में समर्थन किया था। इसे कांग्रेस और नीतिश के बीच दूरियां कम करने की कोशिश के तौर पर भी देखा गया। अब नितीश की दिल्ली में दस्तक को कांग्रेस एनडीए में मचे घमासान का नतीजा बता रही है। बीजेपी में नरेंद्र मोदी के बढ़ते कद से वैसे भी नितीश खुश नहीं हैं और कांग्रेस उन्हें अपने पाले में मिलाने के कई संकेत दे चुकी है। ऐसे में ये रैली अगले लोकसभा चुनावों में गठबंधन के नए समीकरणों के संकेत भी दे रही है।
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