इलाहाबाद : शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की ताजा नजीर बुधवार को उस वक्त देखने को मिली जब लखनऊ से आई एंटी करप्शन टीम ने एक बाबू को रिश्वत लेते रंगे हाथों धर दबोचा। टीम ने उप शिक्षा निदेशक माध्यमिक चतुर्थ मंडल कार्यालय में काम करने वाले लिपिक कमलेश शर्मा के पास केमिकल लगी नोटों की गड्डियां बतौर रिश्वत भिजवाई। बाबू ने तुरंत पैसे पकड़ लिए। इसी बीच मौके पर पहुंची एंटी करप्शन टीम ने क्लर्क का हाथ पानी से धुलाया तो पानी लाल हो गया।
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एंटी करप्शन टीम के डिप्टी एसपी आरसी विद्यार्थी को उप शिक्षा निदेशक माध्यमिक कार्यालय में घूसखोरी की शिकायत मिली थी। दरअसल जनपद फतेहपुर के खागा इंटरमीडिएट कॉलेज में लिपिक रहे रामकृपाल जनवरी में सेवानिवृत्त हुए थे। वह अपनी पेंशन की फाइल को आगे बढ़वाने के लिए जब उप शिक्षा निदेशक कार्यालय पहुंचे तो यहां के बाबू कमलेश शर्मा ने इसके लिए उनसे 14 हजार रुपये की मांग की थी। रामकृपाल आठ हजार रुपये दे चुके थे। इसके बावजूद उनसे और पैसों की मांग की जा रही थी। उन्होंने यह बात एंटी करप्शन टीम को बताई तो उन्हें सुनियोजित तरीके से केमिकल लगी हुई नोटों के साथ बुधवार दोपहर कमलेश के पास भेजा गया। जैसे ही उसने रामकृपाल से पैसे लिए वह पकड़ में आ गया। कार्यालय में रिश्वतखोरी का खुलासा होने से हड़कंप मच गया। एंटी करप्शन टीम कमलेश शर्मा को लेकर कर्नलगंज थाने पहुंची और यहां उससे कई घंटे तक पूछताछ की गई। सूत्रों की मानें तो कमलेश शर्मा से पूछताछ में शिक्षा विभाग में चल रहे गोरखधंधे से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई हैं। पुलिस के अनुसार कमलेश शर्मा शहर में अतरसुइया थाना क्षेत्र के मीरापुर मुहल्ले का रहने वाला है।
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और भी आएंगे गिरफ्त में
इलाहाबाद : रिश्वतखोरी के मामले में विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी संलिप्त हैं। हालांकि उनके नाम की पुष्टि अभी नहीं हुई है पर एंटी करप्शन टीम कमलेश शर्मा से उन अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम भी उगलवा रही है, जो इस गोरखधंधे में शामिल हैं। माना यह जा रहा है कि बिना वरिष्ठों की शह के रिश्तवखोरी का खेल नहीं खेला जा सकता था।