FARRUKHABAD: दोनो पैरों में गला लगने की बीमारी से लोहिया अस्पताल के आपातकालीन बार्ड के बाहर चार दिन से तड़प रहे हरिनाथ की खबर जेएनआई ने चोरी का आरोप लगाकर गरीब मरीज को लोहिया अस्पताल के बाहर मरने के लिए फेंका प्रमुखता से प्रकाशित की थी। जिसके बाद लोहिया अस्पताल प्रशासन ने हरनाथ को भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया।
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पड़ोसी जनपद एटा के थाना पटियाली दरियावगंज निवासी हरनाथ सिंह पुत्र अशरफीलाल के पैर में फावड़ा लगने से सेप्टिक हो गयी, जिसके बाद उसके पैर में गला लग गया। लोहिया अस्पताल उपचार कराने पहुंचा तो लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों ने उस पर कंबल चोरी का आरोप लगाकर बाहर मरने के लिए फेंक दिया था। दर्द से कराह रहे हरनाथ पर जेएनआई ने चार फरवरी को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। जिसके बाद लोहिया अस्पताल प्रशासन ने मीडिया का दबाव बढ़ते देख हरनाथ को इलाज के लिए भर्ती कर लिया और उसका उपचार शुरू कर दिया।